· खाद के लिए किसानों को यातना झेलनी पड़ रही, खाद जा कहाँ रही – दीपेन्द्र हुड्डा
· खाद की कमी की आड़ में कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा
· सरकार तुरंत किसानों को पर्याप्त डीएपी और यूरिया खाद दिलवाए, कालाबाजारी पर अंकुश लगाए – दीपेन्द्र हुड्डा
· खरीफ सीजन की रोपाई जोरों पर, खाद न मिलने से किसान को अच्छी फसल न होने की चिंता सता रही– दीपेन्द्र हुड्डा
चंडीगढ़, 22 जुलाई। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज कहा कि एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं, दूसरी तरफ किसानों को खाद के लिए यातना झेलनी पड़ रही है। अगर प्रदेश में पर्याप्त खाद है तो फिर किसानों को मिल क्यों नहीं रही? उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का पूरा तंत्र खाद की कमी की आड़ में कालाबाजारी को बढ़ावा दे रहा है। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि सरकार तुरंत डीएपी और यूरिया खाद की पर्याप्त व्यवस्था करे और खाद की कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश लगाए। उन्होंने आगे कहा कि खाद किल्लत के चलते खरीफ की बिजाई का संकट पैदा हो गया है। खरीफ सीजन की रोपाई जोरों पर, खाद न मिलने से किसान को फसल बचाने की चिंता सता रही है। किसानों, उनके परिवार की महिलाओं व बच्चों तक को रात-रात भर लंबी-लंबी कतारों में कई दिन का इंतजार करना पड़ता है, फिर भी जरूरत भर का डीएपी व यूरिया खाद नहीं मिल रहा।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि केंद्र और प्रदेश दोनों जगह बीजेपी सरकार होने के बावजूद किसान खाद के लिए तरस रहे हैं। कहीं थानों से खाद बँटवाई जा रही है तो कहीं ब्लैक मार्केट में खाद के कट्टों का अंबार सामने आ रहा है, जो किसान को महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसान खरीफ की फसल बुआई करे या खाद केंद्रों पर कई-कई दिन लाइन में लगे। महिलाओं को चौका-चूल्हा छोड़कर तो बच्चों को अपनी पढ़ाई-लिखाई छोड़कर खाद के लिए लाइन लगानी पड़ रही है। सरकारी केंद्रों पर खाद किल्लत किसानों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद नहीं मिल रही है। ऐसे में उन्हें आशंका है कि प्रदेश सरकार और प्रशासन कालाबाजारी करने वालों को शह दे रहा है।