जातिवादी मानसिकता और पुलिसिया बर्बरता पर उठे सवाल, मंगाली चौकी में युवक की संदिग्ध मौत पर बवाल

हिसार, 24 जुलाई। हरियाणा पुलिस एक बार फिर अनुसूचित जाति (एससी) समाज के युवक की संदिग्ध मौत के आरोपों को लेकर कटघरे में है। नेशनल एलायंस फॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक एवं अधिवक्ता रजत कलसन ने आरोप लगाया है कि हिसार के मंगाली पुलिस चौकी में चमार समाज के एक युवक की हिरासत में हत्या कर दी गई है। उन्होंने इसे जातीय आधार पर पुलिस द्वारा की गई सुनियोजित क्रूरता करार देते हुए कहा कि हरियाणा पुलिस में एससी समाज के प्रति गहरी घृणा की मानसिकता पनप रही है।
कलसन ने कहा कि इससे पहले गणेश वाल्मीकि की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस पर घर में घुसकर हत्या करने के आरोप लगे थे, और अब मंगाली चौकी में यह नया मामला सामने आ गया है। उन्होंने पूछा, “क्या कारण है कि हरियाणा पुलिस की हिरासत में मौतें केवल अनुसूचित जाति समाज के युवकों की ही होती हैं?”
कलसन ने हाल ही में घटित कुछ और घटनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 21 जून को हरियाणा पुलिस के लगभग 40 पुलिसकर्मियों ने उनके घर पर गैरकानूनी रेड डाली, परिजनों को धमकाया, वहीं कैथल जिले में एक दलित युवती के साथ थाने में अमानवीय व्यवहार किया गया, जिसमें उसके साथ मारपीट कर प्राइवेट पार्ट में डंडा डाला गया। उन्होंने कहा कि यह युवती मानसिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हुई है और आज भी अस्पताल में इलाजरत है।
कलसन ने आरोप लगाया कि इन घटनाओं में एफआईआर तो दर्ज हुईं, लेकिन आज तक किसी भी आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं, गणेश वाल्मीकि हत्याकांड में भी हिसार पुलिस ने एक अपूर्ण वीडियो जारी कर पीड़ित परिवार को धमकाने की कोशिश की, जबकि एडीजीपी हिसार ने आरोपी पुलिसकर्मियों का बचाव करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया।
कलसन ने मंगाली चौकी में हुई कथित हत्या के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल हत्या का मुकदमा दर्ज करने, उन्हें बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने पूछा, “क्या एडीजीपी में अब इतनी हिम्मत है कि वह इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी ही पुलिस को कटघरे में खड़ा कर सकें?”
कलसन ने यह भी आरोप लगाया कि हिसार के एसपी और एडीजीपी ने गणेश हत्याकांड में आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास किया, जिससे पुलिसकर्मियों का मनोबल इस हद तक बढ़ गया कि अब मंगाली जैसे मामले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने मांग की कि हिसार के एसपी और एडीजीपी का तत्काल तबादला किया जाए और उनकी जगह ईमानदार व संवेदनशील आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति हो, जो जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर न्याय सुनिश्चित करें।
अंत में कलसन ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई, तो 14 जुलाई की तर्ज पर हिसार में बड़ा जनआंदोलन किया जाएगा।