जिला अध्यक्ष को लेकर गहराया असंतोष, कार्यकारिणी चयन पर भी उठे सवाल

गुरुग्राम, 29 जुलाई 2025 – गत रविवार दो चरणों में सम्पन्न हुई सीईटी परीक्षाओं में प्रदेशभर के हजारों युवाओं ने हिस्सा लिया। सरकार द्वारा परीक्षार्थियों की सुविधा हेतु विशेष परिवहन सेवाओं के साथ-साथ बसों में पानी, ब्रेड, समोसे और फलों की व्यवस्था की गई, जिसकी व्यापक सराहना हुई। भाजपा नेताओं द्वारा विभिन्न स्थानों पर भंडारे भी आयोजित किए गए, जिससे पार्टी को जन समर्थन और मीडिया में सकारात्मक कवरेज मिली।
हालांकि, गुरुग्राम में भाजपा नेताओं की सक्रियता लगभग नदारद रही। इस मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता माईकल सैनी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “गुरुग्राम भाजपा इकाई में उत्साह नाम मात्र का दिखाई दिया। कार्यकर्ताओं और जिलाध्यक्ष के बीच समन्वय की कमी साफ झलक रही है।”
माईकल सैनी ने आरोप लगाया कि गुरुग्राम भाजपा की हालत आज कांग्रेस जैसी हो गई है, जहां नेतृत्व को लेकर भारी असंतोष व्याप्त है। उन्होंने सवाल उठाया कि “एमसीजी के 36 वार्डों में से केवल एक सीट पर कांग्रेस की जीत हुई, और उसी वार्ड के पराजित प्रत्याशी को भाजपा का जिलाध्यक्ष बना दिया गया — यह फैसला कई कार्यकर्ताओं के गले नहीं उतर रहा है।”
भाजपा की नवगठित जिला कार्यकारिणी को लेकर भी असंतोष सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, कार्यकारिणी के गठन में कई समर्पित और पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई है, और कष्ट निवारण समिति की तर्ज पर मनमाने तरीके से नियुक्तियां की गई हैं। सोहना के विधायक तेजपाल तंवर भी सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं और इसे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों को प्रोत्साहित करने वाला कदम बताया है।
माईकल सैनी ने प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहनलाल बड़ोली पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “उनका जातिपरक झुकाव कहीं पूरी पार्टी को न ले डूबे।”
गुरुग्राम भाजपा में बढ़ता यह अंतर्विरोध न केवल आने वाले चुनावों में पार्टी की तैयारियों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि संगठनात्मक ढांचे की कमजोरी को भी उजागर कर रहा है। यदि नेतृत्व समय रहते इन मुद्दों का समाधान नहीं करता, तो स्थानीय स्तर पर पार्टी को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है।