· महंगाई से त्रस्त जनता पर सरकार का एक और जबरदस्त प्रहार – दीपेन्द्र हुड्डा

· 9 महीने के भीतर दूसरी बार कलेक्टर रेट बढ़ने से बढ़ेगी महंगाई – दीपेन्द्र हुड्डा

· लोगों को अपने घर का सपना पूरा करना होगा मुश्किल – दीपेन्द्र हुड्डा

· दिसंबर 2024 में 12% से 32% की बढ़ोत्तरी हुई थी, अब फिर 5% से 25% वृद्धि करने की तैयारी – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 30 जुलाई। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने 1 अगस्त से हरियाणा में नये कलेक्टर रेट बढ़ने की खबरों पर चिंता जताते हुए इसे तुगलकी फरमान बताया और सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 1 दिसंबर 2024 को ही कलेक्टर रेट बढ़ाए गए थे। सरकार ने 9 महीने के भीतर ही दूसरी बार फिर 1 अगस्त 2025 से कलेक्ट रेट बढ़ाने को मंजूरी देकर महंगाई से त्रस्त जनता पर सरकार ने एक और जबरदस्त प्रहार किया है और लोगों के अपने घर बनाने के सपने को भी तोड़ दिया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कलेक्टर रेट की नई दरें लागू होने से मकान, प्लॉट, कॉमर्शियल व कृषि योग्य जमीन की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी। साथ ही रजिस्ट्री पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी भी बढ़ जाएगी। इसका सीधा दुष्प्रभाव आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि इस बढ़ोत्तरी के खिलाफ जनता को आपत्ति देने के लिए पर्याप्त समय भी नहीं दिया गया। ऐसे में संपत्ति के मूल्यांकन में अचानक वृद्धि से बाजार में अस्थिरता पैदा होगी जिसके कारण संभावित निवेशक हतोत्साहित होकर दूसरी जगहों का रुख करेंगे। खराब कानून-व्यवस्था के कारण उद्योगपति पहले ही हरियाणा से पलायन कर रहे हैं। इस फैसले से स्थिति और ज्यादा बिगड़ेगी, जिसके दूरगामी व गंभीर परिणाम होंगे।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि नये कलेक्टर रेट के लिए विभिन्न स्थानों पर 5% से 25 % तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक होने के कारण एनसीआर में जमीन पहले ही काफी महंगी है। जबकि पिछले साल दिसंबर में ही कलेक्टर रेट 12% से 32% तक बढ़ाए गए थे। रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल और पानीपत में 20 प्रतिशत और गुरुग्राम, सोहना, फरीदाबाद, पटौदी और बल्लभगढ़ के कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई थी। सरकार ने 31 जुलाई तक नई रजिस्ट्रियों पर भी रोक लगा दी है। रजिस्ट्री के अपॉइंटमेंट को फ्रीज कर दिया गया है। जिससे आम लोगों को जमीन-जायदाद खरीदने-बेचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार जनहित में फैसला करने के बजाय अपनी मनमर्जी के फैसले लोगों पर थोपने का काम कर रही है। कलेक्टर रेट बढ़ने से पहली बार घर खरीदने वालों और निम्न व मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए नया संकट पैदा हो जाएगा। किसानों पर कराधान और वित्तीय तनाव बढ़ेगा, जिससे उनकी आजीविका और स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।

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