✍️ विजय गर्ग

यदि आप स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, लेकिन किसी कारणवश एमबीबीएस नहीं करना चाहते या नहीं कर पा रहे हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं। आज अनेक विकल्प ऐसे हैं, जो न केवल आपको एक सम्मानजनक पहचान दिला सकते हैं, बल्कि अच्छी आय और स्थायित्व भी प्रदान करते हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में एमबीबीएस के अतिरिक्त कई ऐसे विकल्प मौजूद हैं जिनकी मांग लगातार बढ़ रही है और जिनमें प्रवेश पाने के लिए NEET-UG अनिवार्य भी नहीं होता। इन विकल्पों को तीन प्रमुख श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

I. संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवर कार्यक्रम (Allied Health Professions)

ये वे क्षेत्र हैं जो आधुनिक स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं और जिनका काम मरीजों की देखभाल में डॉक्टरों का सहयोग करना होता है।

???? नर्सिंग (B.Sc Nursing)

रोगी की देखभाल, दवा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका। नर्सिंग एक अत्यधिक सम्मानित और वैश्विक मांग वाला पेशा है।

???? फार्मेसी (B.Pharm)

दवाओं के निर्माण, वितरण और सुरक्षित उपयोग से जुड़ा क्षेत्र। फार्मासिस्ट अस्पतालों, क्लीनिकों और फार्मास्युटिकल कंपनियों में कार्य कर सकते हैं।

???? फिजियोथेरेपी (BPT)

चोटों या बीमारियों के बाद शरीर की गति और कार्यक्षमता को पुनः प्राप्त करने में मदद करता है। खेल और पुनर्वास चिकित्सा में विशेष मांग।

???? ऑक्यूपेशनल थेरेपी (BOT)

मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को दैनिक कार्यों के लिए सक्षम बनाना।

???? मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (B.Sc MLT)

रक्त, मूत्र और ऊतक के नमूनों की जांच के माध्यम से रोगों का पता लगाना।

???? रेडियोलॉजी और इमेजिंग टेक्नोलॉजी

एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी इमेजिंग तकनीकों का संचालन।

???? ऑप्टोमेट्री

नेत्र जांच, दृष्टि संबंधी समस्याओं का निदान और उपचार।

???? ऑडियोलॉजी व स्पीच थेरेपी (B.Sc Audiology)

सुनने और बोलने संबंधी विकारों का निदान और इलाज।

???? डायलिसिस टेक्नोलॉजी

गुर्दा रोगियों की देखभाल और डायलिसिस मशीनों का संचालन।

???? ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी

सर्जरी के दौरान उपकरणों और प्रक्रियाओं का प्रबंधन।

???? कार्डिएक परफ्यूजन टेक्नोलॉजी

ओपन-हार्ट सर्जरी में दिल-फेफड़े की मशीनों का संचालन।

???? रेस्पिरेटरी थेरेपी

फेफड़ों और सांस लेने संबंधी विकारों के इलाज में विशेषज्ञता।

II. पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियाँ

इन क्षेत्रों में NEET-UG आवश्यक होता है और यह एक योग्य डॉक्टर बनने का मार्ग है।

???? BDS – दंत चिकित्सक बनने का प्रमुख मार्ग।

???? BAMS – आयुर्वेदिक पद्धति द्वारा उपचार, प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित।

???? BHMS – होम्योपैथिक दवाओं और पद्धतियों का अध्ययन।

???? BUMS – यूनानी चिकित्सा प्रणाली, जिसकी उत्पत्ति प्राचीन यूनान में हुई।

???? BNYS – प्राकृतिक चिकित्सा और योग के सिद्धांतों पर आधारित चिकित्सा पद्धति।

???? BVSc – पशु चिकित्सा और पशु स्वास्थ्य देखभाल।

III. अन्य स्वास्थ्य सेवा आधारित क्षेत्र

इन क्षेत्रों में प्रवेश के लिए NEET की आवश्यकता नहीं होती और ये चिकित्सा, अनुसंधान तथा प्रबंधन से जुड़े होते हैं।

???? जैव प्रौद्योगिकी (B.Sc Biotech) – आनुवंशिक शोध, औषधि निर्माण आदि में।

???? सार्वजनिक स्वास्थ्य (BPH/MPH) – सामूहिक स्वास्थ्य सुधार, नीतियां और जागरूकता अभियान।

???? क्लिनिकल रिसर्च – नई दवाओं पर परीक्षण और अनुसंधान समन्वय।

???? बायोमेडिकल इंजीनियरिंग – चिकित्सा उपकरणों का डिज़ाइन और विकास।

???? पोषण एवं आहार विज्ञान – पोषण विशेषज्ञ के रूप में कार्य करने का अवसर।

???? अस्पताल और हेल्थकेयर प्रबंधन – अस्पतालों का प्रबंधन और संचालन।

???? मनोविज्ञान (Psychology) – मानसिक स्वास्थ्य, परामर्श और चिकित्सकीय मनोविज्ञान में करियर।

???? फॉरेंसिक साइंस – अपराध जांच, डीएनए प्रोफाइलिंग और विषविज्ञान।

कैसे चुनें सही विकल्प?

  • अपने रुचियों, विज्ञान विषय में रुचि, मरीजों के साथ कार्य करने की इच्छा, और भविष्य के लक्ष्यों को ध्यान में रखें।
  • हर कोर्स का सिलेबस, रोजगार की संभावना, और आर्थिक स्थिरता का आकलन करें।
  • जिस क्षेत्र में गहराई से काम करना चाहते हैं, उसके विशेषज्ञों से बातचीत कर मार्गदर्शन लें।

निष्कर्ष:
एमबीबीएस ज़रूरी नहीं कि चिकित्सा क्षेत्र में सफलता का एकमात्र रास्ता हो। यदि आप मानवता की सेवा करना चाहते हैं और चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं, तो इन विकल्पों के द्वार खुले हैं। ये क्षेत्र न केवल समाज की सेवा का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि एक सशक्त और संतुलित करियर का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।

✍️ विजय गर्ग
(सेवानिवृत्त प्रिंसिपल, शैक्षिक स्तंभकार, प्रख्यात शिक्षाविद् — गली कौर चंद, एमएचआर, मलोट, पंजाब)

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