
चंडीगढ़, 31 जुलाई। हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह पूरे हरियाणा का दौरा करेंगे और न केवल पुराने-नए पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात करेंगे, बल्कि उन अधिकारियों से भी ‘हालचाल’ पूछेंगे, जो सरकार की योजनाओं को लागू करने में कोताही बरत रहे हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए विज ने कहा, “मैं सबसे वरिष्ठ विधायक हूं, मैंने सारा हरियाणा देखना है, इसलिए मैं जल्द ही हरियाणा का दौरा शुरू करने वाला हूं।” उन्होंने कहा कि इस दौरे के दौरान वह कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनका हालचाल पूछेंगे।
हाल ही में भाजपा विधायक दल की बैठक में विधायकों और मंत्रियों को अलग-अलग विधानसभा हलकों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन सात बार के विधायक विज का नाम सूची में शामिल नहीं था। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर विज ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “बाकी विधायकों को एक-एक हल्का दिया गया है, लेकिन मैंने तो सारा हरियाणा देखना है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं नए व पुराने कार्यकर्ताओं से मिलने वाला हूं और उनका हालचाल पूछने वाला हूं। साथ ही जो अधिकारी सरकार की योजनाओं को लागू नहीं कर रहे हैं, मैं उनका भी हालचाल पूछने वाला हूं।”
श्री विज का यह बयान संकेत देता है कि वे राजनीतिक तौर पर सक्रिय भूमिका निभाने और प्रशासनिक ढिलाई के खिलाफ सख़्त रवैया अपनाने के मूड में हैं।
संपादकीय टिप्पणी: “विज जी का हालचाल दौराः राजनीति भी, चुटकी भी!”
हरियाणा की राजनीति में अगर कोई नेता बिना लाग-लपेट के बोलने के लिए मशहूर हैं, तो वो हैं अनिल विज। उनके बयानों में न सिर्फ सख़्ती होती है, बल्कि मज़ा भी। इस बार भी जब भाजपा विधायक दल की बैठक में विज का नाम ‘हलके वितरण’ की सूची से गायब मिला, तो लोग चौंके। लेकिन विज ने बड़े सधे अंदाज़ में जवाब दिया – “मुझे तो सारा हरियाणा देखना है!”
मतलब साफ़ है – बाकी विधायक ‘हलके’ संभालें, विज साहब तो ‘भारी’ पड़ने वाले हैं। उन्होंने यह भी ऐलान कर डाला कि अब वह राज्यभर का दौरा करेंगे, पुराने-नए कार्यकर्ताओं से मिलेंगे, और जो अधिकारी काम नहीं कर रहे, उनसे भी “हालचाल” पूछेंगे।
अब यह “हालचाल पूछना” असल में क्या है, यह हरियाणा की नौकरशाही अच्छे से समझती है। विज का अंदाज़ हमेशा से ऐसा रहा है कि वह बात कम करते हैं, असर ज़्यादा छोड़ते हैं। उनके कार्यालय में फाइलें तेज़ चलती हैं और लापरवाह अफ़सरों की नींद उड़ती है।
यह बात भी दिलचस्प है कि जहां बाकी नेताओं को एक-एक विधानसभा दी गई है, वहीं विज खुद को पूरे हरियाणा का संरक्षक मान बैठे हैं। क्या यह खुद को मुख्य भूमिका में लाने की चाल है या बुज़ुर्गीयत का असर – ये तो वक्त बताएगा। पर फिलहाल इतना ज़रूर है कि अनिल विज “हालचाल पूछने” के बहाने हरियाणा की राजनीति में फिर से अपने अंदाज़ में ‘एन्ट्री’ ले चुके हैं।
बाकी नेताओं को सावधान हो जाना चाहिए – विज स्टाइल में राजनीति फिर से ऑन मोड में है!