45वीं पुण्यतिथि पर मोहम्मद रफ़ी को भावभीनी श्रद्धांजलि

हिसार, 31 जुलाई। प्रसिद्ध पार्श्व गायक मोहम्मद रफ़ी की 45वीं पुण्यतिथि के अवसर पर वानप्रस्थ सीनियर सिटीजन क्लब में एक भव्य और भावनात्मक संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में रफ़ी साहब के जीवन, व्यक्तित्व और उनके कालजयी गीतों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम की शुरुआत राज्यस्तरीय ख्याति प्राप्त भजन गायक डॉ. आर.के. सैनी ने भजन “मन तड़पत हरि दरसन को आज…” से की। उन्होंने “दुनिया न भाए मोहे अब तो बुला ले…” जैसे भावप्रवण भजन से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया।

मंच का संचालन कर रहीं डॉ. पुष्पा खरब ने रफ़ी साहब के जीवन से जुड़े अनेक रोचक प्रसंग साझा किए। उन्होंने बताया कि रफ़ी साहब का जन्म 24 दिसंबर, 1924 को कोटला सुल्तानपुर (अमृतसर) में हुआ था। उनका परिवार 1935 में लाहौर आ गया, जहां से रफ़ी साहब का संगीत सफर शुरू हुआ। कुंदन लाल सहगल ने उनकी प्रतिभा को बचपन में ही पहचान लिया था। 1944 में वह मुंबई आ गए और भारतीय सिनेमा को 25000 से अधिक अमर गीतों की सौगात दी।

क्लब के महासचिव डॉ. जे.के. डांग ने बताया कि रफ़ी साहब ने मात्र 55 वर्ष की आयु में यह दुनिया छोड़ दी, लेकिन उनका संगीत उन्हें अमर बना गया है। उन्होंने रफ़ी साहब के योगदान को संगीत जगत की अमूल्य धरोहर बताया।

कार्यक्रम में क्लब सदस्यों द्वारा प्रस्तुत किए गए रफ़ी साहब के प्रसिद्ध गीतों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। डॉ. एम.एस. राणा ने “कभी पहले देखा नहीं ये समां…” गाकर खूब सराहना बटोरी। डॉ. पुष्पा खरब ने “आने से उसके आये बहार…” और “मन रे तू काहे ना धीर धरे…” प्रस्तुत कर माहौल को रूमानी और आध्यात्मिक रंगों से भर दिया।

डॉ. कमलेश कुकड़ेजा ने “रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ…” तथा डॉ. अजीत कुंडू ने “नसीब में जिसके जो लिखा था…” जैसे गीतों से समा बांध दिया। डॉ. अजीत और डॉ. कमलेश ने युगल गीत “मुझे प्यार की ज़िंदगी देने वाले…” गाकर तालियाँ बटोरीं।

डॉ. आशा कवात्रा ने भजन “सुख के सब साथी, दुख में ना कोई…” और श्री करतार सिंह ने “रहा गर्दिशों में हरदम…” गाकर कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की। वहीं डॉ. खरब ने बताया कि रफ़ी साहब ने महात्मा गांधी को समर्पित गीत “सुनो सुनो ए दुनिया वालो…” पं. नेहरू के आवास पर गाकर सबका दिल जीता था।

कार्यक्रम के अंत में दूरदर्शन के पूर्व निदेशक श्री अजीत सिंह ने सभी गायकों और संयोजकों का धन्यवाद ज्ञापित किया और “मुझे दुनिया वालों शराबी ना समझो…” गीत प्रस्तुत कर माहौल में हल्कापन भर दिया।

समापन पर डॉ. आर.के. सैनी ने “तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे…” गीत गाकर सभी की आंखें नम कर दीं। उन्होंने क्लब की दिवंगत सदस्य स्वर्गीय श्रीमती संतोष डांग को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर श्रीमती सुनीता बहल को क्लब की उपसचिव चुने जाने पर बधाइयाँ दी गईं और उन्होंने मिठाई बाँटी। दो घंटे से अधिक चले इस आयोजन में 50 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया और रफ़ी साहब को उनके अमर गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि दी।

Share via
Copy link