नसीबपुर में स्मारक निर्माण अब तक अधूरा, वेदप्रकाश विद्रोही का भाजपा सरकार पर तीखा हमला

चंडीगढ़/रेवाड़ी, 1 अगस्त 2025। स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की स्मृति पर राजनीति करना भाजपा सरकार की आदत बन चुकी है। यह आरोप स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लगाए। उन्होंने कहा कि सिरसा में शहीद उधम सिंह बलिदान दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री द्वारा अम्बाला में 1857 के सेनानियों की याद में बनाए जा रहे स्मारक का श्रेय लेना केवल एकपक्षीय सच्चाई है।

विद्रोही ने तीखा सवाल उठाया कि जब 16 नवंबर 1857 को नसीबपुर, नारनौल की ऐतिहासिक धरती पर राव तुलाराम के नेतृत्व में लगभग 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया था, तो उस स्थान पर स्मारक निर्माण की घोषणा के आठ साल बाद भी काम शुरू क्यों नहीं हुआ?

उन्होंने कहा कि अम्बाला में स्मारक निर्माण स्वागत योग्य है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि अहीरवाल, शेखावाटी, मेवात और जाटात के रणबांकुरों ने भी 1857 के विद्रोह में अहम भूमिका निभाई थी। फिर ऐसे वीरों की उपेक्षा क्यों?

वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा पर अहीरवाल क्षेत्र के साथ सुनियोजित भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि इस क्षेत्र ने भाजपा को तीन बार सरकार बनाने में सबसे अधिक सहयोग दिया, लेकिन बदले में क्षेत्र को सिर्फ उपेक्षा और अन्याय ही मिला।

उन्होंने कहा, “इतिहास गवाह है कि नसीबपुर में हुआ युद्ध 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा रण था, जिसकी मिसाल विश्व इतिहास में विरली है। लेकिन आज तक वहां स्मारक नहीं बन पाया। यह केवल ऐतिहासिक अन्याय नहीं बल्कि अहीरवाल के सम्मान का भी अपमान है।”

विद्रोही ने भाजपा से मांग की कि वह अहीरवाल के खिलाफ अपनी भेदभावपूर्ण नीति तुरंत बंद करे और नसीबपुर में भव्य स्मारक निर्माण की प्रक्रिया को तत्काल शुरू करे। साथ ही उन्होंने क्षेत्रवासियों से भी आग्रह किया कि वे अब भाजपा की राजनीतिक चालों को समझें और अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर आवाज़ उठाएं।

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