
गुरुग्राम, 1 अगस्त – गुरुग्राम में लगातार हो रही बारिश के बाद उत्पन्न जलभराव की स्थिति पर संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष और जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान चौधरी संतोख सिंह ने प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि “अब मॉक ड्रिल का समय नहीं रहा, गुरुग्राम को वास्तविक ड्रिल और जमीनी समाधान की ज़रूरत है।”
चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी बारिश के बाद गुरुग्राम जलमग्न हो गया है। सड़कों से लेकर रिहायशी इलाकों तक पानी भर गया है। “स्कूली बच्चे कीचड़ में फंसकर स्कूल जा रहे हैं, गाड़ियां बीच रास्ते बंद हो रही हैं, और जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है,” उन्होंने चिंता जताई।
प्रशासन के खोखले दावों पर सवाल
उन्होंने नालियों की सफाई और जल निकासी व्यवस्था के दावों को पूरी तरह कागजी बताया। उन्होंने कहा कि इस बार द्वारका एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन तक में पानी भर गया, जबकि यह एक्सप्रेसवे हाल ही में करीब 330 करोड़ की लागत से बना है। “गोल्फ़ कोर्स रोड, जहाँ करोड़ों के फ़्लैट हैं, वहाँ भी जलभराव की स्थिति शर्मनाक है,” उन्होंने कहा।
भारी नुकसान और मौतें भी
चौधरी संतोख सिंह ने याद दिलाया कि पिछली बारिश में जलभराव के कारण बिजली का करंट लगने से 9 लोगों की मौत हुई थी, जबकि दो गोवंश की भी जान चली गई थी। यह सब दर्शाता है कि गुरुग्राम जैसे शहर में जल निकासी की स्थिति कितनी बदतर है।
ठोस कार्ययोजना की मांग
उन्होंने मांग की कि सरकार और प्रशासन तुरंत हर प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करें और स्थायी समाधान के लिए ठोस कार्ययोजना लागू करें। साथ ही, जलभराव की समस्या से निपटने में विफल रहे अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
“जनता को मॉक ड्रिल नहीं, राहत और भरोसा चाहिए।” – चौधरी संतोख सिंह