पशुओं संबंधी शिकायतों का समाधान करने में लापरवाही पर 6 एजेंसियों पर लगाई गई 83000 रुपए की पेनल्टी

गुरुग्राम, 1 अगस्त। नगर निगम गुरुग्राम ने शहर में खुले में घूमने वाले पशुओं की समस्या से निपटने के लिए शुक्रवार से विशेष अभियान की शुरुआत कर दी है। इस अभियान के अंतर्गत शहर की सडक़ों, गलियों, बाजारों एवं सार्वजनिक स्थलों पर खुले में घूम रहे पशुओं को पकडक़र उन्हें गौशालाओं में भेजा जा रहा है।

अभियान के पहले दिन निगम की विशेष टीमों ने सेक्टर-15 पार्ट-2, डीएलएफ फेज-5 और सेक्टर-42 जैसे क्षेत्रों में सघन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुल 7 पशुओं को पकड़ा गया, जिनमें सेक्टर-15 पार्ट-2 से 2, डीएलएफ फेज-5 से 3 और सेक्टर-42 से 2 पशु पकड़े गए। इन सभी पशुओं को नगर निगम की गौशालाओं में सुरक्षित पहुंचाया गया है।

नगर निगम के संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) डॉ. प्रीतपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि निगम द्वारा नियुक्त की गई 6 एजेंसियों द्वारा खुले में घूमने वाले पशु पकड़ने के कार्य में लापरवाही बरतने और जन शिकायतों का समाधान न करने पर उन पर सख्त कार्रवाई करते हुए 83000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इनमें एनिमल सिम्पैथी ऑर्गेनाइजेशन पर 9000 रुपए, आरएस एंटरप्राइजेज पर 28000 रुपए, स्कॉर्पियन बिल्डटेक पर 3000 रुपए, जीव दया सोशल वेलफेयर सोसायटी पर 19000 रुपए, केडी एंटरप्राइजेज पर 9500 रूपए तथा शहीद भगत सिंह ग्रामीण विकास समिति पर 14500 रुपए की पेनल्टी शामिल है। सभी एजेंसियों को नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी गई है कि वे समय रहते कार्य में सुधार करें एवं पशुओं से संबंधित शिकायतों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करें, अन्यथा उनके खिलाफ अनुबंध की शर्तों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि गुरुग्राम में खुले में घूमने वाले पशुओं की समस्या को लेकर नागरिकों द्वारा लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसी के चलते निगम ने विशेष अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि यह अभियान अगस्त माह भर निरंतर जारी रहेगा और इसमें शहर के सभी वार्डों को कवर किया जाएगा। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि यदि वे अपने क्षेत्र में आवारा पशुओं को देखते हैं तो हेल्पलाइन नंबर 1800-180-1817 पर सूचित करें। नगर निगम गुरुग्राम द्वारा शहर को साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाए रखने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।