फतेह सिंह उजाला

पटौदी | गुरुग्राम जिले के फाजिलवास गांव में एक फर्जी डॉक्टर द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल का खुलासा हुआ है, जहां लोगों की जिंदगी से खुला खिलवाड़ किया जा रहा था। जिला स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री फ्लाइंग स्क्वाड की संयुक्त कार्रवाई में ‘सुखमणि हेल्थ केयर सेंटर’ पर छापा मारा गया और बिना किसी मेडिकल डिग्री के इलाज कर रहा युवक रंगे हाथों पकड़ा गया।

यह कार्रवाई गुरुग्राम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के निर्देश पर की गई। जानकारी के अनुसार, पटौदी नागरिक अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुशांत शिव प्रकाश शर्मा ने मुख्यमंत्री उड़नदस्ता को फाजिलवास में एक व्यक्ति द्वारा फर्जी रूप से डॉक्टर बनकर इलाज करने की सूचना दी थी।

सूचना मिलते ही टीम के सदस्य – सुनील कुमार, विनोद कुमार, सतीश कुमार तथा डॉ. सुशांत शर्मा – मौके पर पहुंचे और सुखमणि हेल्थ केयर सेंटर में जांच शुरू की। वहां मौजूद कमल सिंह पुत्र वीर सिंह, निवासी सलाहेड़ा, तिजारा (राजस्थान) को बिना किसी वैध डिग्री या दस्तावेज़ों के मरीजों का इलाज करते पाया गया।

छापे के दौरान टीम ने बड़ी मात्रा में मेडिकल उपकरण, इंजेक्शन, टैबलेट और अन्य औषधियां जब्त कीं। पूछताछ में आरोपी किसी भी दवा या उपकरण के स्रोत का संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। जांच में स्पष्ट हुआ कि आरोपी न तो किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से डिग्रीधारी है और न ही उसके पास इलाज करने का कोई वैध लाइसेंस।

अधिकारियों ने आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया है और बिलासपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। साथ ही जब्त सभी दवाइयों और उपकरणों को जांच के लिए भेजा गया है।

बड़ा सवाल: कब थमेगा फर्जी डॉक्टरों का यह सिलसिला?

स्वास्थ्य विभाग की लगातार कोशिशों के बावजूद ग्रामीण इलाकों में बिना योग्यता के लोग खुलेआम ‘डॉक्टर’ बनकर मासूम मरीजों की जान से खेल रहे हैं। यह मामला भी उसी चिंताजनक प्रवृत्ति का उदाहरण है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी और जागरूकता के अभाव का फायदा उठाकर ऐसे लोग गरीब और अनजान मरीजों को गुमराह कर रहे हैं।

Share via
Copy link