कहा : कलेक्टर रेट बढ़ोत्तरी से जनता पर ₹5,000 करोड़ का कमरतोड़ बोझ
बोले : जमीन महंगी – घर महंगे – फ्लैट महंगे – महंगाई 7 वें आसमान पर, असल में भाजपा ही महंगाई है
चंडीगढ़, 03 अगस्त 2025 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा जनता पर कलेक्टर रेट की मार से जनता का पैसा गायब करके वसूली करने का आरोप लगाया। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने जनता पर कलेक्टर रेट बढ़ोत्तरी से ₹5,000 करोड़ का कमरतोड़ बोझ डाल दिया है। जमीन, घर, फ्लैट महंगे कर दिए , महंगाई 7वें आसमान पर है, असल में भाजपा ही महंगाई है।
सुरजेवाला ने कहा कि जनता से लूट’, ‘लोगों में फूट’, ‘24 घंटे झूठ’ की भाजपा सरकार ने 11 साल में संपन्न हरियाणा को ‘‘कंगाली का कबूतर’’ बनाकर रख दिया है। जनता से बिना किसी संवाद या चर्चा तथा बगैर मापदंडों के तर्कपूर्ण आधार के 8 महीने में 2 बार हरियाणा में ‘कलेक्टर रेट’ में बेतहाशा वृद्धि सरकार की तानाशाही, आर्थिक कुप्रबंधन, व निकम्मेपन का प्रमाण है। भाजपा ने साल 2022 तक सभी को अपना ‘पक्का मकान’ देने का जुमला दिया था, लेकिन अब आम जनता पर ‘वसूली व लूट’ का बोझ डालकर मेहनत की कमाई से मकान बनाना भी दूभर किया जा रहा है। आम जनमानस का अपना मकान बनाने का सपना टूटता जा रहा है। मकानों के रेट पहले ही इतने बढ़ चुके हैं कि मध्यम वर्ग, गरीब व नौकरीपेशा लोग अब हाउस लोन की बैंकों की ईएमआई भी नहीं भर पा रहे। कलेक्टर रेट बढ़ाकर अब उनके सपनों को चकनाचूर किया जा रहा है। क्या आम हरियाणवी पूरी उम्र केवल हाउस लोन की किश्त चुकाने के लिए ही कमाता है?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी व भाजपा सरकार खजाना भरने के नाम पर कलेक्टर रेट बढ़ोत्तरी के माध्यम से आम जनता से ₹5,000 करोड़ कमाने की तैयारी कर रहे हैं। एक तरफ तो, भाजपा सरकार ने 2025-26 के बजट में ‘‘स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस’’ से ₹16,555 करोड़ कमाने का लक्ष्य रखा है (साल 2024-25 में यह मात्र ₹14,000 करोड़ था), वहीं अब एक्साईज़ माफिया से सरकारी गठजोड़ के चलते शराब ठेकों से होने वाली राजस्व हानि को भी पूरा करने के लिए आनन-फानन में कलेक्टर रेट बढ़ाकर स्टांप ड्यूटी से पैस कमाया जा रहा है।
सुरजेवाला ने कहा कि यकायक कलेक्टर रेट बढ़ाने के पीछे सरकार और बिल्डर्स का गठजोड़ भी है, क्योंकि अधिकांश भाजपाई और उनके चेले दीनदयाल आवास योजना के नाम पर डेवलपर तथा बिल्डर बने हुए हैं। उन सबको भी अपने चल रहे प्रोजेक्ट्स के रेट बढ़ाकर जनता को लूटने का बहाना मिल जाएगा, क्योंकि आखिर में बिल्डर तो सारी बढ़ी हुई लागत फ्लैट खरीददार पर ही डाल देते हैं।
उन्होंने कहा कि यही नहीं, पिछले पाँच वर्षों में अगर आकलन किया जाए, तो सरकार ने प्लॉट, मकान, फ्लैट, वाणिज्यिक संपत्ति, दुकान, खेती की जमीन – इन सबमें 50 प्रतिशत से 250 प्रतिशत तक कलेक्टर रेट को बढ़ाया है। इस बारे साल 2018-19 और साल 2024-25 के कलेक्टर रेट के आकलन का चार्ट गुड़गाँव, फरीदाबाद, पंचुकला, अंबाला, करनाल, हिसार, कैथल, जींद का संलग्नक A1 से A7 है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी व भाजपा सरकार से 10 सवाल पूछते हुए कहा कि
1. भाजपा सरकार कलेक्टर रेट में अनाप-शनाप बढ़ोत्तरी कर हरियाणा के नौकरीपेशा, मध्यम वर्ग व आम शहरी पर ₹5,000 करोड़ की वसूली का अतिरिक्त बोझ क्यों डाल रही है? क्या हाल में ही बिजली दरों में ₹5,000 करोड़ सालाना की बढ़ोत्तरी कर मुनाफा कमाने का निर्णय नहीं लिया? तो फिर हरियाणा के लोगों पर ‘‘टैक्स वसूली की मार’’ का एक और बोझ क्यों?
2. क्या यह सही नहीं कि अगर कल जारी सरकारी प्रेस विज्ञप्ति को भी सही मान लें, तो भाजपा सरकार ने कलेक्टर रेट में औसतन 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है (15 प्रतिशत से 50 प्रतिशत)? जब 2025-26 के बजट में बगैर कलेक्टर रेट बढ़ोत्तरी के ही 16,555 करोड़ कमाने का टारगेट था, तो क्या 25 प्रतिशत कलेक्टर रेट बढ़ोत्तरी के बाद यह राशि ₹4,139 करोड़ नहीं बनती। लोगों पर यह बोझ क्यों?
3. क्या भाजपा सरकार ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह नहीं स्वीकारा कि कलेक्टर रेट साल में एक बार ही बढ़ सकते हैं? तो फिर, 8 महीने में 2 बार कलेक्टर रेट क्यों बढ़ाए गए (01 दिसंबर, 2024 व 01 अगस्त, 2025)।
4. क्या अगर पिछले 5 साल के कलेक्टर रेट बढ़ोत्तरी का आकलन देखें (संलग्नक A1 से A7), तो यह साफ नहीं हो जाता कि भाजपा सरकार ने 50 प्रतिशत से 250 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की है? क्या 5 साल में कलेक्टर रेट की इस प्रकार की बढ़ोत्तरी जनता से जबरन टैक्स वसूली नहीं?
5. क्या हाल में ही नायब सैनी सरकार ने बजरी, रोड़ी, रेती सबके दाम नहीं बढ़ाए? क्या सीमेंट, स्टील व ईंट के दामों में पिछले 5 सालों में 200 प्रतिशत से 300 प्रतिशत बढ़ोत्तरी नहीं हुई? क्या बार-बार कलेक्टर रेट भी बढ़ाकर नायब सैनी सरकार मध्यम वर्ग-नौकरीपेशा-साधारण शहरी व्यक्ति का अपने घर का मालिक बनने के सपने को नहीं तोड़ रही?
6. क्या भाजपा सरकार द्वारा यह कहना अपने आप में बेतुका नहीं कि कलेक्टर रेट में बढ़ोत्तरी किसानों की मांग पर की गई है, ताकि उन्हें ज्यादा मुआवजा मिल सके? क्या सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यह नहीं निर्णय दिया कि अधिग्रहण की गई जमीन की कीमत का आकलन कलेक्टर रेट के आधार पर नहीं हो सकता? और 30-40 साल से बसे शहरों में वो कौन सी जमीन है, जो सरकार द्वारा अधिग्रहण की जा रही है? क्या यह अपने आप में सफेद झूठ नहीं?
7. क्या यह सही नहीं कि बार-बार कलेक्टर रेट बढ़ोत्तरी से महंगाई व मुद्रास्फीति में बेतहाशा बढ़ोत्तरी होती है, क्योंकि हर बार जब कलेक्टर रेट बढ़ता है, तो बिल्डर प्लॉट की कीमत, मकान की कीमत, फ्लैट की कीमत आदि बढ़ा देते हैं? क्या कलेक्टर रेट बढ़ने से किराए में भी बढ़ोत्तरी नहीं हो जाती?
8. क्या यह सही नहीं कि 11 सालों की भाजपा सरकार ने गुड़गाँव से पंचकुला तक व सिरसा से नारनौल तक हरियाणा के शहरों व कस्बों को ‘‘कूड़ेदान’’ व ‘‘फ्लोटिंग सिटी’’ में बदल दिया है? क्या हरियाणा में चारों ओर आवारा जानवर, सड़कों में गड्ढे, कूड़ा करकट के बदबूदार ढेर, चौतरफा फैला सीवरेज का पानी और तैरती सड़कों का जाल नहीं बिछा हुआ? जब मूलभूत सुविधाएं ही नहीं हैं, तो फिर कलेक्टर रेट बढ़ाकर वसूली किस बात की की जा रही है।
9. क्या नायब सैनी सरकार बताएगी कि कलेक्टर रेट में बार-बार की जा रही बढ़ोत्तरी का क्या आधार है, क्या तर्क है व क्या मापदंड है? क्या यह सही नहीं कि पंजाब ने बाकायदा कानून बनाकर पंजाब स्टांप रूल्स, 1983 में रूल 3A को जोड़ा है, जिसमें एक अधिकृत कमिटी तथा सभी बढ़ोत्तरी के मापदंड दिए गए हैं, जिनके आधार पर कलेक्टर रेट बढ़ोत्तरी हो सकती है? क्या यह सही नहीं कि अधिकतर प्रांतों में कलेक्टर रेट बढ़ाने की प्रक्रिया एक वैज्ञानिक, तर्कपूर्ण व तथ्य आधारित प्रक्रिया है? तो फिर हरियाणा में यह क्यों नहीं किया जा रहा?
10. क्या कलेक्टर रेट की बढ़ोत्तरी केवल दीनदयाल आवास योजना व कॉलोनियाँ काट रहे भाजपाईयों को और पैसा कमवाने का साधन है क्योंकि कलेक्टर रेट बढ़ते ही सभी चालू प्रोजेक्ट्स की कीमतें अपने आप बिल्डरों द्वारा बढ़ा दी जाएंगी, व चांदी कूटी जाएगी?