· केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर के जवाब पर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने घोर आपत्ति दर्ज कराई, कहा बीजेपी सरकार ने 11 साल में गुरुग्राम का भट्टा बैठा दिया
· 11 साल की भाजपा सरकार ने गुरुग्राम को कूड़ाग्राम, मिलेनियम सिटी को ‘सिंक सिटी’ बना दिया – दीपेन्द्र हुड्डा
· गुड़गांव के नागरिकों को वायुप्रदूषण से लेकर जल प्रदूषण, जलभराव, सीवरेज, सफाई व्यवस्था, ट्रैफिक जाम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, टूटी सड़कों का सामना करना पड़ रहा लेकिन भाजपा सरकार की आंखों पर पट्टी बंधी – दीपेन्द्र हुड्डा
· दीपेन्द्र हुड्डा के सवाल से पता चला कि 5 वर्षों में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) ने 3,602 करोड़ रुपये खर्च डाले लेकिन मूलभूत समस्याएं जस की तस
· सरकार तुरंत समस्याओं का करे समाधान– दीपेन्द्र हुड्डा
चंडीगढ़, 7 जुलाई। गुरुग्राम में जलभराव और अन्य शहरी अवसंरचना संबंधी समस्याओं पर आज लोकसभा में सांसद श्री दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने सवाल पूछा तो केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संसद में जवाब देते हुए कहा कि “गुरुग्राम शहर में किसी भी प्रमुख नागरिक बुनियादी ढांचे से संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।” इस पर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने घोर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सबको पता है कि गुरुग्राम में कितना बुरा हाल है। बीजेपी सरकार ने 11 साल में गुरुग्राम का भट्टा बैठा दिया है। कल ही संसद में एक अन्य उत्तर में सामने आया कि गुरुग्राम प्रदूषण के मामले में नंबर 1 पर है। उन्होंने कहा कि गुडगांव जो देश का प्रमुख कार्पोरेट सेंटर है, वहां के नागरिकों को वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण से लेकर गंभीर शहरी समस्याओं जलभराव, सीवरेज, सफाई व्यवस्था, टूटी सड़कें, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है, लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। दुर्भाग्य से सरकार का जो जवाब आया उसमें कहा गया कि गुडगांव में किसी भी प्रमुख नागरिक बुनियादी ढांचे से संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। जबकि देश ही नहीं अब तो पूरी दुनिया जान गयी है कि गुड़गांव ही नहीं पूरे हरियाणा की क्या स्थिति बन गयी है।
गुडगांव को कांग्रेस सरकार के समय मिलेनियम सिटी के रूप में विकसित किया गया था। कांग्रेस सरकार ने गुड़गांव में मेट्रो, रैपिड मेट्रो बनवाई, मानेसर में वर्ल्ड क्लास आईएमटी स्थापित की गयी। गोल्फ कोर्स रोड विकसित की गयी, ईएसआई अस्पताल बनाया, गुड़गांव-फरीदाबाद फोर लेन हाईवे, गुड़गांव यूनिवर्सिटी बनायी गयी। गुड़गांव एक्सप्रेस-वे और द्वारका एक्सप्रेस वे का 60 प्रतिशत काम पूरा कराया था। आज 11 साल की भाजपा सरकार ने उस गुरुग्राम को मिलेनियम सिटी से ‘सिंक सिटी’ बना दिया, जहां हम फार्चून 500 कंपनियों को लेकर आये थे। आज ये कंपनियां गुड़गांव से शिफ्ट करने की सोच रही हैं। गुरुग्राम को भाजपा ने कूड़ाग्राम बनाने का काम किया है। वहाँ बड़े-बड़े सफाई घोटाले सामने आ रहे हैं। हर साल होने वाली बारिश में व्यापक जलभराव से बुरा हाल है। इसी साल 9 लोगों की जान चली गयी, किसी की सीवर में गिरकर तो किसी की करंट लगने से मौत हुई। ट्रैफिक जाम का हाल इतना बुरा है कि लोगों को 24 घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा है। इतना कुछ होने के बाद भी सरकार का ये कहना कि कोई समस्या ही नहीं है तो स्पष्ट है कि भाजपा सरकार की आंखों पर पट्टी बंधी है। उन्होंने मांग करी कि सरकार तुरंत समस्याओं का समाधान करे।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार ने AMRUT और AMRUT 2.0 जैसे मिशनों की बात की, लेकिन जिन योजनाओं और परियोजनाओं की बात की गई, वो या तो कागजों तक सीमित हैं या घोटालों की भेंट चढ़ गई। संसद में सरकार ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) ने 4,999 करोड़ रुपए जारी किए जिसमें से 3,602 करोड़ रुपए खर्च किए गए, वहीं नगर निगम गुरुग्राम द्वारा 230 करोड़ रुपए खर्च होने की बात कही गई। इतना भारी खर्च होने के बावजूद जलभराव, गंदगी, सीवर, ट्रैफिक जाम जैसी मूलभूत समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो पाया और वे जस की तस हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल लोगों ने नगर निगमों को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। नगर निगमों में कई घोटाले उजागर हो चुके हैं। सफाई ठेकों में घोटाले हो रहे हैं। लिंटर माफिया सक्रिय हैं। सरकार घोटाले के जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की बजाय घोटाले की खबरों को दबाने और घोटालेबाजों को बचाने की कोशिशें करती रही है। गांव से लेकर शहर तक लोगों को मूलभूत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गुरुग्राम में लोग बिजली पानी सड़क साफ सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी तरस रहे हैं। जहां-तहां कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, सड़कों पर सीवर का पानी बह रहा है। सरकार ने गुड़गांव को नारकीय स्थिति में पहुंचा दिया है। विकास के नाम पर गुड़गांव को सिर्फ छलने का काम हुआ है। सरकार कूड़ा टैक्स अलग से वसूल रही है, जबकि चारों तरफ गंदगी का ढेर लगा है। सड़कों पर ट्रैफिक जाम, बड़े-बड़े गड्ढे हैं लेकिन BJP सरकार जनता से टोल टैक्स वसूली में व्यस्त है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अप्रैल 2025 को नगर निगम गुरुग्राम ने शहर के 35 ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने के लिये 1571 करोड़ का बजट जारी किया, लेकिन पहली बारिश में ही पूरे गुरुग्राम में बाढ़ की स्थिति बन गयी। एक भी अंडर पास ऐसा नहीं है जहां बारिश के दौरान जलभराव न होता हो। सरकार के कैबिनेट मंत्री ने जलभराव के लिये भगवान् और पत्रकारों को जिम्मेदार ठहरा दिया। अगस्त 2016 में हीरो होंडा चौक पर जलभराव से ये हाल हो गया कि लोग 24 घंटे तक जाम में फंसे रहे। इसको लेकर सरकार की किरकिरी के बाद तत्कालीन पुलिस कमिश्नर का तबादला भी किया गया। जलभराव के कारण जिले के 6 गांव दौलताबाद, धर्मपुर, धरमपुरी, खेड़की माजरा, मागडोला व दिल्ली का गांव रावदा इनकी कृषि योग्य करीब 5600 एकड़ जमीन करीब एक दशक से पानी में पूरी तरह डूबी हुई है। जिसके कारण जमीन मालिक किसान अपना पेट भरने के लिये मजदूरी करने को मजबूर हैं। 11 साल में बीजेपी सरकार ने बस स्टैंड, सिविल हॉस्पिटल, मेट्रो में एक नयी ईंट तक नहीं जोड़ी लेकिन, बीजेपी का 5 स्टार कार्यालय, पीडब्लूडी रेस्ट हाउस तेज गति से बनवा लिया।