वोट से पहले कार्ड, वोट के बाद कट – भाजपा का चुनावी खेल उजागर: विद्रोही

चंडीगढ़/रेवाड़ी 8 अगस्त 2025 | हरियाणा में आयुष्मान और चिरायु योजना गरीबों के इलाज की गारंटी नहीं, बल्कि चुनावी स्टंट बन गई है—ऐसा कहना है ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही का। गुरुवार से 650 निजी अस्पतालों ने इन कार्डधारकों का इलाज बंद कर दिया, कारण—सरकार पर 500 से 650 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान।
विद्रोही का सीधा सवाल—
“जब डेढ़ करोड़ मरीजों के इलाज के लिए सालाना 2,500 करोड़ चाहिए, तो 700 करोड़ के बजट में यह योजना कैसे चलेगी? यह तो जनता के साथ खुला धोखा है।”
चुनाव से पहले: कार्ड बांटो – चुनाव के बाद: सूची घटाओ
- 2024 लोकसभा-विधानसभा चुनाव से पहले 52 लाख बीपीएल परिवार योजना में जोड़े।
- 5 महीने बाद 7 लाख परिवार गरीबी रेखा से बाहर—बाकी 45 लाख भी खतरे में।
नीतियों का ‘कट-पेस्ट’ खेल
- पहले मोतियाबिंद, पथरी, पेट रोग जैसी सर्जरी निजी अस्पतालों से हटाकर सरकारी अस्पतालों में कराई।
- 60% मरीज पहले ही योजना से बाहर, अब भुगतान न देकर शेष का भी इलाज ठप।
विद्रोही का वार
“भाजपा ने आयुष्मान योजना को वोट हड़पने की ठग योजना बना दिया। पहले कार्ड बांटकर वोट लिए, अब इलाज के लिए फंड नहीं। यह गरीबों के स्वास्थ्य के साथ सबसे बड़ा मजाक है।”