• सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने लोकसभा में कार्य स्थगन नोटिस देकर चर्चा कराने की मांग की  

• सरकार द्वारा स्व. सत्यपाल मलिक की उपेक्षा से देश भर के किसानों की भावनाओं को लगी ठेस – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 11 अगस्त। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से न करने का मामला एक बार फिर से संसद में उठाया। दीपेन्द्र हुड्डा ने लोकसभा में कार्य स्थगन नोटिस देकर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्व. सत्यपाल मलिक की उपेक्षा से देश भर के किसानों की भावनाओं को ठेस लगी है। सरकार की तुच्छ सोच के कारण उन्हें राजकीय सम्मान न मिलना न केवल उनके विशिष्ट और लंबे सार्वजनिक सेवा काल का अपमान है, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक और संवैधानिक परंपराओं के भी विपरीत है। सरकार को इसका जवाब देना होगा।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने लोकसभा के नियमों के तहत सदन का कामकाज रोककर इस अत्यंत संवेदनशील और जनभावनाओं से जुड़े मुद्दे पर चर्चा कराने का अनुरोध किया और कहा कि पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय सत्यपाल मलिक पाँच राज्यों के राज्यपाल और सांसद के रूप में देश की सेवा कर चुके थे। उनके निधन के बाद समर्थकों और समाज के बड़े वर्ग ने सरकार द्वारा उनके अंतिम संस्कार में पूर्व राज्यपाल को मिलने वाले प्रोटोकॉल के तहत राजकीय सम्मान न देने पर गहरी पीड़ा और असंतोष व्यक्त किया है।

सरकार के इस कदम से पूरे देश यह दुर्भाग्यपूर्ण संदेश गया है कि दशकों की निष्ठापूर्ण सेवा के बाद भी सम्मान राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रभावित होकर दिया या रोका जा सकता है। उन्होंने सरकार से अपील करी कि इस निर्णय की तत्काल समीक्षा की जाए और इस पर माफी माँगी जाए। भविष्य में ऐसे व्यक्तित्वों के अंतिम संस्कार में राजकीय सम्मान सुनिश्चित करने हेतु मापदंडों का स्पष्ट रूप से पालन किया जाए।

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