-ज्ञापन में मांग की गई कि बूचडख़ानों पर रोक लगनी चाहिए

-मेवात के लोगों में फैल रही बीमारी, शिशु मृत्यु दर में हो रही बढ़ोतरी

-पहले से जलस्तर कम, बूचडख़ाने लगने से बढ़ेगी पानी की खपत

गुडग़ांव/दिल्ली। जिला में बूचडख़ाना बनाने के विरोध में मेवात संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं गुडग़ांव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राज बब्बर से मुलाकात की। उन्हें एक ज्ञापन देकर कहा कि मेवात क्षेत्र में बूचडख़ाना ना खोला जाए। इससे क्षेत्र में और ज्यादा बीमारियां फैलेंगीं। इंसानों के साथ पशुधन को भी नुकसान होगा। राज बब्बर ने मेवात क्षेत्र की इस समस्या को केंद्र सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि वे जल्द ही क्षेत्र का दौरा भी करेंगें। इस दौरान गुडग़ांव से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर भी मौजूद रहे।  

मेवात संयुक्त संघर्ष समिति (बूचडख़ाना भगाओ मेवात बचाओ) के बैनर तले राज बब्बर को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि सभी चालू बूचडख़ानों का भौतिक निरीक्षण कराया जाए और उनका पर्यावरण ऑडिट कराया जाए। हर बूचडख़ाने में आधुनिक ऑडर कंट्रोल सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जाए। गांवों की आबादी, स्कूल, कालेज और अस्पताल से दो किलोमीटर के भीतर चल रहे बूचडख़ाने बंद कराएं जाएं। प्रभावित गांवों के पीडि़त नागरिकों को सरकार मुआवजा दे। किसानों व पशुपालकों को फसल और पशु क्षति के लिए मुआवजा दिया जाए।  

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि मेवात में आजादी के 75 वर्षों के बाद भी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। ऐस में यह बूचडख़ाना संकट के इस क्षेत्र के जीवन और पर्यावरण को तबाह कर रहा है। मेवात की जनता को उम्मीद है कि इस विषय को वे संसद में उठाएंगेें। हरियाणा सरकार पर दबाव बनाएं, ताकि लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर बहस हो। संबंधित मंत्रालयों से जवाबदेही तय हो। मेवात संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले फज्रुद्दीन बेसर, मास्टर वहाब जलालपुर, इब्राहिम इंजीनियर, एडवोकेट रशीद, अजीज हुसैन सरपंच जलालपुर, रफीक हतोड़ी प्रधान जिला सरपंच एसोसिएशन, हैदर मुजीब, शाहीन सम्स धौज, मुफ्ती सलीम, आरिफ ठेकेदार बघोला, लियाकत अली सरपंच सुडाका, मुबारिक अटेरना, साबिर कासमी, वसीम अहमद सरपंच चांदनी, जकरिया प्रसाद सकरस, शौकत खुवलजिका, इरफान सरपंच कंकरहेड़ी, मोहसिन चौधरी सकरस, सलीम अहमद सरपंच अखनाका, हाजी मेव मोहम्मद उस्मान, असीम सरपंच चंदेनी आदि मौजूद व्यक्तियों ने आगे कहा कि क्षेत्र में लोग पहले से ही टैंकरों से पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं। बूचडख़ाने में रोजाना हजारों लीटर पानी की खपत हो रही है। बूचडख़ानों से उठने वाली बदबू 8-10 किलोमीटर तक लोगों को प्रभावित करती है। खराब हवा के कारण सांस के रोगी बढ़ रहे हैं। जैविक धुआं और जहरीली गैसें एनसीआर में फैल रही हैं। क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। कुत्तों के काटने से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। लोग मानसिक तनाव, अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं। पशु बीमार हो रहे हैं और दूध का उत्पादन घट रहा है। टीबी, त्वचा के रोगी बढ़ रहे हैं। कैंसर और नवजात शिशु मृत्यु दर में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। नूंह जिला में शिशु मृत्यु दर पूरे हरियाणा में सबसे ज्यादा है। लोगों ने पूर्व सांसद राज बब्बर को दिए मांग पत्र में कहा है कि सभी नए बूचडख़ानों की एनओसी पर तुरंत रोक लगवाएं। जारी सभी एनओसी की जांच व दस्तावेजों का सत्यापन हो। 

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