बोले मनरेगा खत्म कर दलित व पिछड़ों पर कर रही वार, नायब सरकार

मनरेगा में एक्टिव वर्कर्स के मामले में हरियाणा देश का 5वाँ सबसे फिसड्डी राज्य

चंडीगढ, 11 अगस्त, 2025 – हरियाणा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून के अंतर्गत मनरेगा का गला घोंट रही नायब सैनी सरकार पर कांग्रेस कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने करारा हमला बोला है। सुरजेवाला ने कहा कि मनरेगा को एक तरह से खत्म कर भाजपा सरकार गरीबों, दलितों और पिछड़ों की जिंदगी पर हमला बोल रही है।

हरियाणा सरकार पर तेवर कड़े करते हुए सांसद सुरजेवाला ने कहा कि डॉक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आम जनमानुष को लोगों को शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, भोजन का अधिकार तथा मनरेगा में काम का अधिकार देकर मजबूती प्रदान की, लेकिन भाजपा सरकार इन अधिकारों को दम घोंट कर खत्म करने पर तुली है।

प्रदेश में मनरेगा को लागू करने की क्या स्थिति है?

· यह इस बात से ही समझा जा सकता है कि साल 2007- 08 से लेकर मई 2022 तक प्रदेश के मात्र 1,33,227 मजदूर परिवारों को ही 100 दिन का काम मिल पाया, जबकि इन 15 वर्षों के दौरान प्रदेश में 12,50,541 परिवार मनरेगा में रजिस्टर्ड हुए और उन्होंने काम की मांग की, यानी 11,17,314 परिवारों को मनरेगा में काम नहीं मिल पाया।

· रणदीप ने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी ₹493 है जबकि मनरेगा के अंतर्गत उन्हें मात्र ₹400 दिए जा रहे हैं। यह प्रदेश की नायब सैनी सरकार का घोर भेदभाव व गरीब विरोधी मानसिकता है कि मनरेगा के अंतर्गत उन्हें कृषि मजदूर जितनी दिहाड़ी भी नहीं दी जा रही।

· सुरजेवाला ने कहा कि पूंजिपतियों की गुलाम भाजपा जब से सत्ता में आई है तभी से मनरेगा जैसी कल्याणकारी योजनाओं को असफल बनाने में लगी हुई है, यह सीधे-सीधे गरीबों, मजदूरों, दलितों और पिछड़ों पर हमला है।

· सुरजेवाला ने कहा कि जिस मनरेगा ने हिंदुस्तान को साल 2009 के बाद की वैश्विक मंदी के असर से सुरक्षित रखा, जिस मनरेगा ने कोविड महामारी के दौरान गरीब मजदूर का हाथ नहीं रुकने दिया, उसी मनरेगा का केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी निरंतर बजट काट रही है। साल 2022-23 में मनरेगा का बजट ₹73,000 करोड़ था। साल 2023-24 में इसे कम कर ₹60,000 करोड़ कर दिया गया। यह सीधे-सीधे ₹13,000 करोड़ की कटौती है, यानी 18%। चौतरफा बेरोजगारी और बंद होते कारखानों के चलते, लाखों लोग गाँव में पलायन करने पर मजबूर हो गए। मनरेगा में काम की मांग यकायक बढ़ गई। जैसे ही लाखों लोग पलायन कर गांव वापस गए और मनरेगा में काम मांगा, तो साल 2024-25 में मनरेगा बजट बढ़ाकर ₹86,000 करोड़ करना पड़ा। इसके बावज़ूद भी साल 2024-25 में ₹9,754 करोड़ बकाया रह गया, जिसका भुगतान नहीं हुआ। साल 2025-26 के बजट में मनरेगा पर एक फूटी कौड़ी नहीं बढ़ाई तथा बजट ₹86,000 करोड़ ही रहा। इसमें से पिछले साल के बकाया ₹9,754 करोड़ का भुगतान होगा, तो असल में मौजूदा साल 2025-26 में मनरेगा का बजट घटकर ₹76,246 करोड़ रह गया है, जो ₹10,000 करोड़ की कटौती है।

· एक तरफ मोदी सरकार मनरेगा का बजट काट रही है, तो दूसरी तरफ, हरियाणा की नायब सिंह सरकार मनरेगा में रोजगार ही खत्म कर रही है। पिछले 15 साल में 5 वर्षों को छोड़कर, 10 वर्षों में हर साल, हरियाणा में 10,000 परिवारों को भी 100 दिन का काम नहीं मिला।

· रणदीप ने कहा कि ये सब हालात इसलिए पैदा हुए हैं क्योंकि भाजपा की गरीब-विरोधी नीतियों के कारण प्रदेश में पूंजी निवेश नहीं आ रहा, आर्थिक गतिविधियों में कमी आने से समाज कल्याण और पर्यावरण के क्षेत्र में सरकारी खर्च में कटौती हो रही है।यदि मोदी सरकार मनरेगा में कम दिहाड़ी दे रही है तो प्रदेश सरकार उसकी भरपाई करे।

· पहले खट्टर साहब और अब मुख्यमंत्री नायब सैनी, दोनों जुमलों की खेती करते हैं। हर साल ये लोग जुमलों को गढ़ते हैं कि खाली पंचायती जमीनों में पेड़ लगाए जाएंगे, तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, ऑक्सीवन लगाए जाएंगे लेकिन, धरातल पर इन्होंने कुछ नहीं किया। यदि ये लोग अपनी खुद की भी घोषणाओं पर काम करते तो एक तरफ तो मनरेगा वर्कर्स के लिए अतिरिक्त कार्यदिवस सृजित होते और दूसरी तरफ पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम होता।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह मांग करती है कि मनरेगा मजदूरों को काम और दिहाड़ी पर नायब सैनी सरकार एक ‘व्हाइट पेपर’ जारी करे ताकि भाजपा का गरीब, दलित व पिछड़ा विरोधी चेहरा लोगों के सामने आ सके।

सुरजेवाला ने कहा कि हमारी यह भी मांग है कि आगामी विधान सभा सत्र का एक दिन केवल मनरेगा में मजदूरों व गरीबों द्वारा मांगे गए काम व सरकार द्वारा मनरेगा का धीरे-धीरे गला घोंटने पर चर्चा में लगाया जाए। श्री नायब सैनी हरियाणा के मजदूरों से सरकार के मनरेगा विरोध के लिए माफी मांगें और भविष्य का रोडमैप विधान सभा के पटल पर रखें।

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