पार्षदों के लिखित आरोपों ने जिलाध्यक्ष पिंटू त्यागी की कार्यशैली पर उठाए सवाल

ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम, 12 अगस्त 2025 – गुरुग्राम में वरिष्ठ डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव ने एक बार फिर स्थानीय बीजेपी संगठन की अंदरूनी खींचतान और नेतृत्व की कार्यशैली को सुर्खियों में ला दिया है। बीजेपी जिलाध्यक्ष पिंटू त्यागी पर पार्षदों ने लिखित शिकायत देकर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वे कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हैं और संगठनात्मक संवाद में उदासीन रहते हैं।

भारत सारथि अख़बार ने शुरू से ही सवाल उठाया था कि गुरुग्राम जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में पार्टी के अनुभवी कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ कर केवल चरण-चुम्बन संस्कृति को तरजीह दी गई। कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की वर्षों की मेहनत को किनारे कर संगठन ने ऐसे व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाया, जो बीजेपी लहर के बावजूद अपनी पत्नी की नगर निगम सीट नहीं बचा पाए थे। इसके बावजूद उन्हें जिलाध्यक्ष जैसा अहम पद देकर पुरस्कृत किया गया।

स्थानीय कार्यकर्ताओं और पार्षदों का आरोप है कि पद संभालने के बाद पिंटू त्यागी का रवैया और भी घमंडी हो गया, यहां तक कि वे कार्यकर्ताओं के फोन तक नहीं उठाते। यही नहीं, इन आरोपों की पुष्टि खुद पिंटू त्यागी ने एक स्थानीय न्यूज़ चैनल पर भी की है।

भारत सारथि ने इस मामले पर प्रतिक्रिया लेने के लिए जिलाध्यक्ष को फोन किया। लंबे समय बाद कॉल रिसीव हुई, लेकिन सवाल पूछते ही उन्होंने बेरुखी से जवाब देने से मना करते हुए फोन काट दिया।

अब देखना यह होगा कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व संगठन को टूटने से बचाने के लिए क्या कदम उठाता है – क्या पिंटू त्यागी कार्यकर्ताओं के प्रति अपने व्यवहार में बदलाव लाएंगे और सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे, या फिर यह विवाद और गहराएगा।

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