संगठन में यह धारणा मजबूत होती जा रही है कि बीजेपी अब अनुशासन की जगह ‘चरण-चुम्बन’ की योग्यता को ज्यादा अहमियत दे रही है

ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम | 13 अगस्त 2025 – गुरुग्राम में बीजेपी के अंदरूनी हलकों में खलबली मची हुई है। हाल ही में कुछ निगम पार्षदों ने जिलाध्यक्ष पिंटू त्यागी के घमंडी और उपेक्षापूर्ण रवैये की शिकायत पार्टी शीर्ष से की है। आरोप है कि जिलाध्यक्ष संगठनात्मक जिम्मेदारियों से ज्यादा एक मंत्री के ‘पर्सनल असिस्टेंट’ की भूमिका निभा रहे हैं और कार्यकर्ताओं के फोन तक उठाने में परहेज करते हैं।

भारत सारथि ने जिलाध्यक्ष चुनाव के तुरंत बाद से पिंटू त्यागी से संपर्क करने की कई कोशिशें कीं, लेकिन सफलता नहीं मिली। कल हालांकि उन्होंने फोन उठाया, पर जैसे ही उनसे इस शिकायत पर प्रतिक्रिया मांगी गई, उन्होंने ‘कोई जवाब नहीं’ कहकर बेरुखी से फोन काट दिया। बीजेपी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने भी उनके इस रवैये को घमंडी बताते हुए इसकी पुष्टि की।

पार्टी के भीतर पहले से यह सवाल उठ रहा है कि जब हालिया नगर निगम चुनावों में बीजेपी की लहर के बावजूद पिंटू त्यागी अपनी पत्नी की हार नहीं रोक पाए, तो आखिर किस योग्यता के आधार पर उन्हें जिलाध्यक्ष बना दिया गया? इस फैसले से कई वरिष्ठ कार्यकर्ता नाखुश हैं और संगठन की जड़ों में दरार की चर्चा तेज है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि पार्टी शीर्ष निगम पार्षदों की शिकायत पर कोई कार्रवाई करता है या ‘अनुशासन’ का नाम लेकर चुप्पी साध लेता है। फिलहाल संगठन में यह धारणा मजबूत होती जा रही है कि बीजेपी अब अनुशासन की जगह ‘चरण-चुम्बन’ की योग्यता को ज्यादा अहमियत दे रही है — और यही प्रवृत्ति संगठन की नींव हिला रही है, जबकि कार्यकर्ताओं की निष्ठा लगातार दांव पर लग रही है।

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