सीजेजेडी कोर्ट पटौदी के द्वारा फैसले में की गई थी कथित विवादित टिप्पणी
एडवोकेट वीरेंद्र सिंह चौहान को इस मामले में एडीजे गुरुग्राम कोर्ट से बड़ी राहत
एडवोकेट के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर 32 दिन पटौदी बार में रही हड़ताल
पटौदी बार एसोसिएशन का कहना है कि न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा
फतह सिंह उजाला
पटौदी। सीजेजेडी पटौदी कोर्ट के द्वारा एक फैसले में एडवोकेट के खिलाफ की गई टिप्पणियों को एडीजे गुरुग्राम कोर्ट के द्वारा अपने महत्वपूर्ण फैसले में रिमूव कर दिया गया है। सीजेजेडी पटौदी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी के द्वारा कथित विवादित टिप्पणियां रामेश्वरी वगैरा बनाम कमला वगैरा मामले में अपना फैसला सुनते और लिखते हुए की गई थी। फैसले में पटौदी कोर्ट के द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर पटौदी बार और एडवोकेट मेंबर के बीच संबंधित टिप्पणियों को लेकर ऐसी नाराजगी बनी की संबंधित पटौदी कोर्ट का पटौदी बार एसोसिएशन के द्वारा बहिष्कार करते हुए 32 दिन तक हड़ताल की गई। एडवोकेट वीरेंद्र सिंह चौहान के खिलाफ पटौदी कोर्ट के द्वारा की गई टिप्पणियों को गलत ठहराते हुए एडीजे गुरुग्राम कोर्ट में अपील दायर की गई। पटौदी सीजेजेडी कोर्ट के द्वारा एडवोकेट वीरेंद्र सिंह के खिलाफ कथित विवादित टिप्पणी 3 मार्च 2022 के फैसले में की गई थी।
बुधवार को पटौदी बार एसोसिएशन के पूर्व प्रेजिडेंट एडवोकेट विशाल सिंह चौहान, पूर्व प्रेजिडेंट एडवोकेट संदीप यादव, एडवोकेट वीरेंद्र सिंह चौहान, एडवोकेट सूरजपाल परमार, एडवोकेट ईश्वर महलावत व अन्य के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया, पटौदी न्यायिक अधिकारी के द्वारा एडवोकेट वीरेंद्र सिंह चौहान के खिलाफ फैसले में की गई टिप्पणियां बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं थी। यही कारण था कि संबंधित कोर्ट और न्यायाधीश के खिलाफ पटौदी बार एसोसिएशन और एडवोकेट मेंबर के द्वारा मोर्चा खोलते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल आरंभ की गई। इसके समर्थन में हरियाणा प्रदेश के विभिन्न बार एसोसिएशन के द्वारा भी अपनी हड़ताल रखकर कथित विवादित टिप्पणी के खिलाफ समर्थन किया गया। यह मामला पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों के संज्ञान में भी पहुंचा। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायिक अधिकारियों के दखल के बाद पटौदी बार एसोसिएशन के द्वारा संबंधित कोर्ट और न्यायिक अधिकारी के खिलाफ हड़ताल वापस ले ली गई। लेकिन इसके साथ ही पटौदी कोर्ट के द्वारा की गई टिप्पणियों के खिलाफ एडीजे गुरुग्राम कोर्ट में अपील की गई । मामले की गंभीरता और संवेदनशील का देखते हुए एडीजे कोर्ट के द्वारा अपील को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया गया।
सभी एडवोकेट्स एक प्रकार से न्यायिक मित्र के रूप में ही कार्य करते हैं। संविधान और कानून के मुताबिक ही विभिन्न प्रकार के वाद विवाद को वरीयता प्रदान करते हुए उनकी पैरवी भी की जाती है। पटौदी कोर्ट न्यायिक अधिकारी के द्वारा एडवोकेट वीरेंद्र सिंह चौहान के खिलाफ की गई टिप्पणियों को आखिरकार गुरुग्राम एडीजी कोर्ट के द्वारा अपने महत्वपूर्ण फैसले में सुनवाई करते हुए पूरी तरह से रिमूव कर दिया है। इस प्रकार जो भी कथित आरोप या टिप्पणियां एडवोकेट विजेंद्र सिंह चौहान के खिलाफ की गई। उसे सही मायने में न्याय के नजरिए से ही देखना चाहिए । पटौदी बार एसोसिएशन के पूर्व प्रेजिडेंट एडवोकेट विशाल सिंह चौहान और पूर्व प्रेजिडेंट संदीप यादव ने कहा आम आदमी हो या फिर न्यायिक मित्र एडवोकेट या अन्य कोई । सभी को आज भी भारतीय न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा और विश्वास है । इस संबंध में एडवोकेट विजेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों को एडीजे कोर्ट गुड़गांव के द्वारा रिमूव किया जाने से निश्चित रूप से दिमागी और मानसिक राहत भी प्रदान हुई है । उन्होंने गुरुग्राम एडीजे कोर्ट के फैसले स्वीकार करते हुए अपनी इस मुहिम में साथ देने वाले सभी एडवोकेट साथियों का आभार भी व्यक्त किया।