राव इंद्रजीत, राव नरबीर, खट्टर और नवीन गोयल गुट आमने-सामने
ऋषिप्रकाश कौशिक
गुरुग्राम, 16 अगस्त 2025 – हरियाणा बीजेपी संगठन में गुटबाजी और आपसी खींचतान अब किसी से छिपी नहीं है। राज्य के तक़रीबन हर जिले से संगठनात्मक दरारों की खबरें आती रहती हैं। गुरुग्राम इसका ताजा उदाहरण है, जहां 11 अगस्त को होने वाले सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव स्थगित कर दिए गए। इसका प्रमुख कारण रहा पार्षदों का तीन अलग-अलग खेमों में बंट जाना।
चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के इशारे पर स्थानीय विधायक मुकेश शर्मा ने कुछ पार्षदों का एक ग्रुप खड़ा किया। दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की शह पर स्थानीय मंत्री राव नरबीर सिंह और जिलाध्यक्ष पिंटू त्यागी ने अपना खेमेबंदी कर ली।
इसके अलावा, तीसरे ग्रुप की बागडोर हाल ही के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे नवीन गोयल के पास थी। उनके साथ परमिंदर कटारिया और प्रशांत भारद्वाज पार्षद खड़े नजर आए।
जब संगठन ने देखा कि चुनाव में किसी एक गुट की स्पष्ट जीत मुश्किल है, तो प्रशासन ने अचानक चुनाव रद्द कर दिया। उसी दिन हुई नगर निगम सदन की बैठक में, राव इंद्रजीत गुट से जुड़े पार्षदों ने जिलाध्यक्ष पिंटू त्यागी के खिलाफ अभद्र व्यवहार और गलत कार्यशैली को लेकर लगभग 15 पार्षदों के हस्ताक्षर वाला प्रस्ताव पेश कर दिया। हालांकि बाद में इससे सभी पार्षद मुकर गए, इसके पीछे विधायक मुकेश शर्मा की रणनीति होने की चर्चा है । अब सच क्या है यह तो वही जाने लेकिन यह तो है कि भाजपा में खुद ही अपना विरोध जोरों पर है । इस घटनाक्रम की पुष्टि खुद जिलाध्यक्ष ने कुछ यूट्यूब चैनलों पर करते हुए पार्टी शीर्ष नेतृत्व से संज्ञान लेने की अपील की।
ऐसे हालात में सवाल उठना लाजमी है कि जब चुने हुए नेता आपसी वर्चस्व की लड़ाई में उलझे हों, तब बीजेपी अपने आप को कैसे अनुशासन और एकता वाली पार्टी कह सकती है? गुरुग्राम की जनता की समस्याओं से अनदेखी कर, नेता केवल गुटबाजी में व्यस्त हैं और संगठन मौन। नतीजा यह है कि आम कार्यकर्ता खुद को पूरी तरह बेहाल और उपेक्षित महसूस कर रहा है
गुरुग्राम में हुए इस घटनाक्रम ने हरियाणा बीजेपी की अंदरूनी कलह और गुटबाज़ी को उजागर कर दिया है। सवाल यह उठता है कि जब नेता आपसी वर्चस्व की लड़ाई में ही उलझे रहेंगे, तो जनता की समस्याओं का समाधान कौन करेगा? बीजेपी जिस अनुशासन और एकता की बात करती है, उसकी हकीकत अब पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों के सामने खुलकर आ चुकी है।