अवैध फैक्टरी जिन के कराण आम जनता की जान पर खतरा मंडरा रहा है, पर कारवाई क्यों नही की?
“गरीबों पर बुलडोज़र, रसूखदारों पर खामोशी क्यों? – इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह का सवाल”
“DTP गुरुग्राम की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण – सिर्फ रेहड़ी वालों पर ही क्यों होती है सख्ती?” गुरिंदरजीत सिंह
“पार्कों पर कब्ज़ा, स्कूलों के बाहर नशा/तंबाकू – फिर भी कार्रवाई सिर्फ छोटे दुकानदारों पर?” गुरिंदरजीत सिंह
“हरियाली पर कब्ज़ा माफिया का, पर निशाना गरीब दुकानदार – ये कैसा न्याय?” गुरिंदरजीत सिंह

गुरुग्राम: समाजसेवी एवं इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह (अर्जुन नगर) ने गुरुग्राम DTP (डिपार्टमेंट ऑफ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि DTP की कार्रवाई केवल गरीब रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों तक ही सीमित रह गई है, जबकि शहर में फल-फूल रही अवैध कॉलोनियों, बड़े रसूखदारों द्वारा पार्कों, ग्रीन बेल्ट और सार्वजनिक स्थानों पर किए जा रहे कब्जों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
उन्होंने कहा, “गुरुग्राम में योजनाबद्ध तरीके से गरीबी नहीं, बल्कि गरीबों को हटाया जा रहा है। छोटे दुकानदारों की दुकानों के आगे बना मामूली थड़ा भी तोड़ दिया जाता है, जबकि पार्कों पर कब्जा कर बनाए गए अवैध शोरूम और स्कूलों के निर्माण पर प्रशासन की नजर नहीं जाती।”
इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने यह भी बताया कि स्कूलों के बाहर खुलेआम नशे के पदार्थ बेचे जा रहे हैं, लेकिन अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। “क्या यह सिर्फ संयोग है या जानबूझकर इन तत्वों को संरक्षण दिया जा रहा है?” उन्होंने यह सवाल उठाया।
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि बसई गाँव क्षेत्र में हाल ही में हुए गैस रिसाव से लोगों की जान खतरे में पड़ गई थी, लोगो को हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ा। लेकिन उस अवैध फैक्ट्री के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। और तो और वहाँ पास में बच्चो के सरकारी और निजी स्कूल भी है, और स्कूल में निगम की टीम पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ पौधे भी लगा कर आई थी, पर उन्हें यह नहीं मालूम के स्कूल के पास जो अवैध फैक्ट्री चल रही है, उसके कारण पर्यावरण और बच्चों के सेहत के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है? कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, और उस हादसे का कौन ज़िम्मेदार होगा? पर वहीं, न्यू कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में दुकान का थोड़ा-सा हिस्सा सड़क की तरफ बढ़ा होने पर उसे तुरंत तोड़ दिया जाता है।
ये स्तिथि तब है जब ये क्षेत्र उद्योग व पर्यावरण मंत्री नरबीर सिंह के अपने इलाके बसई (बादशाहपुर विधानसभा) का है। क्या मंत्री जी भी रिहायशी इलाके में खुली फैक्टरी के खिलाफ कारवाई करने में असमर्थ है?
गुरिंदरजीत सिंह ने यह भी सवाल उठाया कि व्यापार मंडल और विभिन्न व्यापार सेल के चेयरमैन इन एकतरफा कार्रवाइयों पर क्यों चुप हैं? “क्या रेहड़ी-पटरी वाले और छोटे दुकानदार सिर्फ वोट के समय ही याद आते हैं?” उन्होंने कहा।
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि बारिश के मौसम में सड़कों की खुदाई और तोड़फोड़ से व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है। दुकानों के आगे खुदी सड़कों में पानी भरने से ग्राहकों की आवाजाही प्रभावित हो रही है, जिससे छोटे व्यापारियों का व्यवसाय ठप हो रहा है।
गुरिंदरजीत सिंह ने यह भी कहा कि शहर में कई प्रमुख चौकों जैसे हीरो होंडा चौक के पास शराब के ठेके के कारण अवैध पार्किंग और ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है, और ये एक ठेका नही, गुरुग्राम शहर में ऐसे कई ठेके है जिस कारण जाम लगता है, लेकिन DTP और अन्य प्रशासनिक विभाग अब तक निष्क्रिय हैं।
इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने प्रशासन से मांग की है कि:
- 1) DTP की कार्रवाई निष्पक्ष और समान रूप से सभी वर्गों पर लागू हो।
- 2) अवैध फैक्टरी जिन के कराण आम जनता की जान पर खतरा मंडरा रहा है, जल्द बन्द हो।
- 2) ग्रीन बेल्ट, पार्कों और सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
- 3) नशे के अवैध कारोबार को तुरंत रोका जाए, खासकर स्कूलों के आसपास।
- 4) छोटे दुकानदारों की दुकानों को तोड़ने से पहले उन्हें नोटिस देकर वैकल्पिक समाधान सुझाया जाए।
- 5) बारिश के मौसम में तोड़फोड़ बंद की जाए, ताकि व्यापार पर विपरीत प्रभाव न पड़े।
उन्होंने अंत में कहा कि यदि शासन प्रशासन को जन कल्याण के कार्य करने चाहिए। व पार्को, ग्रीन बेल्ट को कब्ज़ों से मुक्त करना चाहिए। और अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ कारवाई करनी चाहिए, जो आम जनता के लिए खतरा है।