“एम्स जनता के संघर्ष से मिला, भाजपा का तोहफ़ा नहीं”

गुरुग्राम/रेवाड़ी, 18 अगस्त 2025। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के उस दावे को हास्यास्पद बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि केन्द्र व हरियाणा भाजपा सरकार अहीरवाल के विकास के लिए विशेष प्रयास कर रही है।
विद्रोही ने सवाल दागते हुए कहा कि भाजपा को तीन लोकसभा व तीन विधानसभा चुनावों में एकतरफा समर्थन देने के बावजूद अहीरवाल को ऐसा क्या मिला जो बाकी हरियाणा से अलग हो। उन्होंने तंज कसा कि “आरती राव को अपने पिता राव इन्द्रजीत सिंह के कांग्रेस और भाजपा दोनों कार्यकालों में किए गए वास्तविक विकास कार्यों का विस्तृत ब्यौरा जारी करना चाहिए, तभी सच्चाई सामने आएगी।”
मुख्य आरोप और सवाल
- एम्स माजरा जनता के संघर्ष और किसानों की उदारता से संभव हुआ, भाजपा का तोहफ़ा नहीं।
- रेवाड़ी रक्षा विश्वविद्यालय का प्रोजेक्ट मोदी सरकार ने गुजरात शिफ्ट कर अहीरवाल के साथ धोखा किया।
- रेवाड़ी का 200 बेड अस्पताल 8 साल से अधर में क्यों लटका है?
- रेवाड़ी की पेयजल समस्या 10 साल से जस की तस क्यों है?
- नसीबपुर संग्रहालय व अन्य जनभावनाओं पर आधारित प्रोजेक्ट अब तक अधूरे क्यों हैं?
- कोरियावास मेडिकल कॉलेज का नाम राव तुलाराम के बजाय च्यवन ऋषि पर क्यों रखा गया?
- राव इन्द्रजीत सिंह 11 साल से केवल राज्यमंत्री ही क्यों रहे, जबकि उनके जूनियर कैबिनेट मंत्री बन गए?
विद्रोही ने कहा कि हाईवे और रेलवे प्रोजेक्ट भी कांग्रेस की फ्रेट कॉरिडोर नीति के अंतर्गत चल रहे हैं, न कि भाजपा की देन। उन्होंने दो टूक कहा—
“अहीरवाल ने भाजपा को दिल से समर्थन दिया, लेकिन भाजपा ने न तो यहां का विकास किया और न ही स्थानीय नेतृत्व को सम्मान दिया।”
विश्लेषणात्मक एंगल
1. अहीरवाल की चुनावी अहमियत
- अहीरवाल (रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर क्षेत्र) हरियाणा की राजनीति में हमेशा निर्णायक भूमिका निभाता रहा है।
- यहां की करीब 20 विधानसभा सीटें और कई लोकसभा क्षेत्रों में यादव समाज का सीधा प्रभाव है।
- लगातार तीन लोकसभा और तीन विधानसभा चुनावों में भाजपा को यहां से लगभग एकतरफा समर्थन मिला।
2. कांग्रेस बनाम भाजपा: विकास का बैलेंस शीट
- विद्रोही के आरोप कांग्रेस शासन के दौरान मिले प्रोजेक्ट्स (एम्स, रक्षा विश्वविद्यालय की स्वीकृति, रेलवे-हाईवे प्रोजेक्ट) और भाजपा राज में ठप पड़े कार्यों पर आधारित हैं।
- भाजपा पर आरोप है कि उसने कांग्रेस शासनकाल के प्रोजेक्ट्स का श्रेय तो लिया, लेकिन नए प्रोजेक्ट्स देने और पुराने पूरे करने में नाकाम रही।
- कांग्रेस इस नैरेटिव को भुनाकर यह संदेश देना चाहती है कि “भाजपा का राज विकास की बजाय केवल वादों तक सीमित रहा।”
3. स्थानीय नेतृत्व की उपेक्षा
- राव इन्द्रजीत सिंह का 11 साल तक सिर्फ राज्यमंत्री बने रहना भाजपा की आंतरिक राजनीति पर सवाल उठाता है।
- अहीरवाल के समर्थकों में यह संदेश जा रहा है कि भाजपा ने यहां की जनता को वोट बैंक समझा, लेकिन नेतृत्व को सम्मान नहीं दिया।
4. राजनीतिक निहितार्थ
- विद्रोही जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं के तीखे बयान विपक्षी दलों (विशेषकर कांग्रेस) के लिए राजनीतिक अवसर हैं।
- अहीरवाल का समर्थन अगर कांग्रेस की ओर शिफ्ट होता है, तो हरियाणा में भाजपा का सत्ता समीकरण डगमगा सकता है।
- भाजपा के लिए यह चिंता का विषय है कि 2024 लोकसभा और 2029 विधानसभा की राह अहीरवाल की नाराज़गी से मुश्किल हो सकती है।