‘कूड़ाग्राम’ और ‘जलग्राम’ पर विपक्ष का हमला, सत्ता पक्ष घिरा

शहरी और ग्रामीण जिलाध्यक्ष की सक्रियता से संगठन में नई ऊर्जा

वार्ड कमेटियों का गठन – हर वार्ड में निगरानी और जनता की आवाज़

नगर निगम के कामकाज पर कांग्रेस की पैनी नजर, भ्रष्टाचार रोकने का दावा

आगामी चुनावों में बड़ा बदलाव ला सकती है कांग्रेस की सक्रियता

ऋषिप्रकाश कौशिक,

गुरुग्राम, 21 अगस्त 2025 – गुरुग्राम की राजनीति में लंबे अंतराल के बाद विपक्ष ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। कांग्रेस ने 19 अगस्त को नगर निगम कार्यालय पर जोरदार धरना देकर जहाँ जनता की आवाज बुलंद की, वहीं संगठन ने एक नई पहल करते हुए हर वार्ड में वार्ड कमेटी बनाने का ऐलान भी कर दिया।

कांग्रेस का धरना – सत्ता पक्ष पर सीधा वार

कांग्रेस के पूर्व सांसद उम्मीदवार राज बब्बर के नेतृत्व में हुए इस धरने में गुरुग्राम की बदहाली को लेकर जमकर हल्ला बोला गया।

  • कभी ‘कूड़ाग्राम’ तो कभी ‘जलग्राम’ कहे जाने वाले शहर की हालात को कांग्रेस ने सत्ता की नाकामी करार दिया।
  • सड़कों, जल निकासी और सफाई जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर जनता परेशान है, जबकि स्थानीय मंत्री और विधायक आँख मूंदे बैठे हैं।
  • धरने की भनक लगते ही मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर को लगातार पाँच दिन गुरुग्राम में डेरा डालना पड़ा।

शहरी जिलाध्यक्ष पंकज डावर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष वर्धन यादव की सक्रियता से संगठन में नई ऊर्जा दिखाई दी।

अब हर वार्ड में होगी कांग्रेस की ‘निगरानी टीम’

धरने के तुरंत बाद जिला कांग्रेस कमेटी ने बड़ा ऐलान किया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयंती पर निर्णय लिया गया कि गुरुग्राम के हर वार्ड में वार्ड कमेटियाँ बनाई जाएँगी।

  • प्रत्येक वार्ड में वार्ड अध्यक्ष और उनकी टीम कार्यरत होगी।
  • कमेटी नगर निगम के कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखेगी।
  • भ्रस्टाचार रोकथाम और समय पर कार्य पूरे करवाने की जिम्मेदारी निभाएगी।
  • जनता की समस्याओं को मीडिया और प्रशासन के समक्ष मजबूती से उठाएगी।

क्या बदलेंगे आने वाले चुनाव?

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस की यह सक्रियता गुरुग्राम की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती है।

  • बीजेपी संगठन पहले से ही आंतरिक खींचतान से जूझ रहा है।
  • अगर कांग्रेस जनता के मुद्दों पर इसी तरह एकजुट रही, तो यह आंदोलन आगामी चुनावों में निर्णायक साबित हो सकता है।

गुरुग्राम सिर्फ हरियाणा ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में यहाँ विपक्ष की वापसी पूरे प्रदेश की सियासी तस्वीर बदल सकती है।

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