पटौदी और गुरूग्राम से करीब दो सौ पेसेंजर का आवागमन.  
ट्रेन  में रिजर्वेशन वालों को ही यात्रा करने की मिली सुविधा. 
ट्रेन  से आने और सवार होने वाले यात्रियों की थर्मल सकैंनिंग
फतह सिंह उजाला
पटौदी ।  23 मार्च को देशभर में लाॅक डाउन के साथ सभी   ट्रेनों   में ब्रेक लगाये जाने के 72 वें दिन मंगलवार को रेवाड़ी, पटौदी और गुरूग्राम स्टेशनों पर ठहरने वाली  ट्रेनें एक लंबे अंतराल के बाद में पहुंची। कोरोना-कोविड 19 संक्रमण को देखते हुए स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ रेलवे के द्वारा भी इन सुपरफास्ट   ट्रेनों   से आने और जाने वालें यात्रियों की  ट्रेनों  से उतरने और सवार होने के समय गहनता से थर्मल सकैंपिंग व अन्य प्रकार की जांच की गई।

मंगलवार को पटौदी स्टेशन पर सुबह करीब सवा नौ बजे 12915 आश्रम सुपर फास्ट प्लेटफार्म दो पर 72 दिनों के बाद में आकर ठहरी। पटौदी जीआरपी चैकी प्रभारी भूपेंद्र सिंह और स्टेशन अधिक्षक यूनूस खान के मुताबिक यहां पर आश्रम सुपरफास्ट टेªन से कुल पांच यात्री, जिनमें एक बच्चा, एक महिला और तीन पुरूष शामिल रहे, वे ही उतरे। इनके उतरने व स्टेशन से बाहर आने से पहले थर्मल सकैनिंग करके बाडी टेंपरेचर की जांच के बाद ही जाने दिया गया। इसी प्रकार से सायं को 12916 आश्रम सुपर फास्ट प्लेटफार्म एक पर पहुंची तो पटौदी स्टेशन पर तीन यात्री उतरे तथा आगे के सफर के लिए पांच यात्री इसी में सवार भी हुए है।
इससे पहले अहमदाबाद के लिए जाते हुए 12916 आश्रम सुपर फास्ट गुरूग्राम स्टेशन प्लेटफार्म एक पर सायं करीब सवा चार बजे पहुंची। जीआरपी गुरूग्राम थाना प्रभारी परमानंद और स्थानीय एसएस के मुताबिक गुरूग्राम से इस टेªन में करीब एक सौ महिला, पुरूष और बच्चे यात्री सवार हुए है। ट्रेन में सवार होने व स्टेशन परिसर में आने से पहले सभी यात्रियों के यात्री दस्तावेज की जांच सहित इनकी थर्मल सकैंनिंग भी की गई। सभी यात्रियों के सवार होने सहित सोशल डिस्टेंस के साथ बैठने के बाद ही टेªन को रवाना किया गया।
मंगलवार को ही अजमेर-गुरूग्राम-दिल्ली के बीच अप और डाउन करने वाली जनशताब्दि एक्सप्रेस ट्रेन गुरूग्राम स्टेशन पर सुबह पहंुची और करीब 39 यात्री यहां स्टेशन पर उतरे और आधा दर्जन यात्री दिल्ली अथवा आगे के सफर के लिए सवार भी हुए हैं। इसी प्रकार से 12915 आश्रम सुपर फास्ट मंगलवार को गुरूग्राम स्टेशन पर सुबह करीब 10. 40 बजे पहुंची। इस ट्रेन से यहां महिला, बच्चो और पुरूषो के रूप में 41 यात्री अपने-अपने गन्तव्य तक जाने के लिए उतरने वालों में शामिल रहे है। पटौदी और गुरूग्राम ट्रेन से 72 दिनों के बाद आवागमन करने वाले यात्रियों के चेहरे पर सुकून सहित राहत साफ दिखाई दी कि, सड़क मार्ग बंद होने के कारण किन्ही कारणों से अपने गन्तव्य तक नहीं पहुंच पाने के बाद अंततः एक लंबे अंतराल सहित इंतजार के बाद में अपने परिजनों के बीच, रोजगार सहित अन्य जरूरी कार्यो को निपटाने का मौका मिल ही गया। मंगलवार के ट्रेन से सफर के लिए समय रहते ही अपनी टिकटे भी इनके द्वारा रिजर्व करा ली गई थी। बहरहाल 30 जून तक घोषित लाॅक डाउन के कारण इसी प्रकार से ही ट्रेन में सफर करने की सुविधा मिलती रहेगी, लेकिन दैैनिक कामकाजी लोगों के सामने संभवतः ट्रेन से आवागमन के लिए और भी लंबा इंतजार करने के अलावा कोई भी ट्रेन के जैसा सस्ता सफर का विकल्प नहीं है।
