संस्कार, यज्ञ पदति के अलावा योग भी सिखाये जा रहे.
स्वस्थ्य जीवन जीने को सभी के लिये योग जरुरी

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 अखेराम सरदारो देवी आत्मशुद्धी आश्रम परिसर फर्रुखनगर में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग गुरु एवं आश्रम संचालक स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज ने योग क्रिया और उनके लाभ के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। आश्रम में विभिन्न प्रदेशों के पांच दर्जन से अधिक गरीब , बेसहारा बच्चों को शिक्षा, संस्कार, यज्ञ पदति के अलावा योग भी सिखाये जा रहे है।

इस मौके पर महाबल धाम आश्रम सुल्तानपुर कालियावास के श्री महंत स्वामी प्रदीप जी महाराज व स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज ने संयुक्त रुप से बताया कि बाबा रामदेव ने योग को न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में एक अलग पहचान दी है। उसी का परिणाम है कि 21 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते भले ही बडे स्तर पर सामुहिक रुप से इस बार अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस नहीं मनाया जा रहा हो लेकिन सरकारी , अर्धसरकारी संस्थाओं, योग गुरुओं ने अपने अपने अलग अलग अंदाज में चाहे ऑन लाइन, फेसबुक, वाटशप आदि के माध्यम से लोगों को स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए योग जरुरी है के महत्व पर प्रकाश डाला है।

उन्होंने बताया कि निरोगी काया ही बडे से बडे रोग को दूर भगा सकती है। लेकिन आजकल के भागदौड भरे जीवन में किसी भी व्यक्ति के पास समय नहीं है कि वह कुछ पल अपने लिए भी जी सके। भोजन के रुप में फास्ट फूड ने जगह ले ली है। ऐसी हालत में निरोगी काया की कल्पना करना भी अपने आप में सपने लेना जैसा लगता है। निरोगी काया पाने के लिए हमे अपने जीवन में योग को जगह देनी होगी। इस बात को पूरा विश्व मान चुका है। योग ही निरोग है।

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