जींद रैली में पहुंचकर महम के विधायक बलराज कुंडू ने पीटीआई को दिया खुला समर्थन।. कुंडू बोले-अधिकार मांगने से नहीं मिलते, अधिकार छीनने पड़ते हैं।. कर्मचारियों और बेरोजगारों तथा किसानों के हकों की लड़ाई लड़ता रहूंगा।. खट्टर सरकार मेरी आवाज को दबा नहीं सकती, बेइंसाफी के खिलाफ हमेशा मजबूती से खड़ा रहूंगा।

जींद, 18 जुलाई : महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पहुंचे बर्खास्त PTI को समर्थन देने। कुंडू बोले- मांगने से कुछ नहीं मिलता, अधिकार छीनने पड़ते हैं। खट्टर सरकार की तानाशाही को खत्म करना है तो बरोदा उपचुनाव में मौका है। खट्टर सरकार को बरोदा में धूल चटा दो, सरकार तुम्हारे कदमों में होगी और फिर किसी सरकार की हिम्मत नहीं होगी कि वह कर्मचारी भाइयों के साथ बेइंसाफी कर सके।
उन्होंने कहा कि खापों का स्वर्णिम इतिहास रहा है और खापों की सरदारी ने बर्खास्त पीटीआई के हकों की जो आवाज उठाई है मैं बलराज कुंडू इस संघर्ष में हमेशा आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूँ और आपसे वादा करता हूँ कि जहां आपका पसीना गिरेगा, वहां अपने खून का एक-एक कतरा बहा दूंगा। बलराज कुंडू ने कहा कि उन्होंने ही सबसे पहले पीटीआई के हकों की आवाज उठाते हुए सीएम खट्टर को बाकायदा चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि सभी पीटीआई को तुरन्त बहाल करें।

कुंडू ने कहा कि आज चाहे कर्मचारियों का मामला हो या किसान एवं छोटे व्यापारी तथा बेरोजगार युवाओं की बात हो, खट्टर सरकार सबके साथ मनमानी करने पर उतारू है लेकिन बलराज कुंडू की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। अन्याय और बेइंसाफी के खिलाफ मेरी आवाज हमेशा बुलंदी के साथ गूंजती रहेगी। आज सरकार बेरोजगारों के साथ नौकरियों पर रोक लगाकर मनमानी कर रही है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने खट्टर सरकार की नियत और नीतियों पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि 36 बिरादरी और समानता की बातें करने वाले खट्टर साहब ने आखिर सभी प्रमुख पदों पर अपने ही समुदाय विशेष के अफसर क्यों लगा रखे हैं ?
क्या खट्टर साहब को बाकी समुदायों के अफसरों की योग्यता पर संदेह है या फिर वे सिर्फ एक समुदाय विशेष को ही सबसे अधिक योग्य मानते हैं ?