रमेश गोयत

पंचकूला, 14 मार्च। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 का बजट विधानसभा में पेश किया गया जिसे प्रमुख समाजसेविका व किसान नेत्री पूनम चौधरी ने मात्र आंकड़ों की बाजीगरी बताते हुए कहा कि प्रदेश के आर्थिक हालात को बेहतर दिखाने की तो भरपूर कोशिश की है परंतु हकीकत कुछ और ही है। बजट में प्रदेश की आम जनता को किसी प्रकार की कोई राहत नहीं है बल्कि कर्जा ही कर्जा है।

उन्होंने कहा कि बजट में कर्ज और आमदनी को देख कर यही कहा जा सकता है। किसान नेत्री पूनम चौधरी ने कहा कि यह बजट आम आदमी के मुंह से निवाला छीनने का बजट है। जब प्रदेश मे कोई विकास कार्य नहीं हो रहे है तब भी भाजपा सरकार कर्ज का बोझ बढ़ा रही है। इस बजट में आंकड़ों की बाजीगरी करके प्रदेश की जनता को भ्रमित किया गया है। बुढ़ापा पेंशन मेंं 250 रूपए की बढ़ोतरी दिखाई गई है जबकि असल में यह नौ महीनों के हिसाब से 187 रूपए बनती है। यह बजट प्रदेश के किसानों और आम जनता के साथ भद्दा मजाक है जो इस बढ़ती महंगाई के दौर में यह आस लगाए बैठे थे कि पैट्रोल-डीजल पर टैक्स कम कर उन्हे राहत देने का काम करेंगे। किसानों की फसल उत्पादन लागत पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ी है और इस बजट में किसानों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बजट लोगों की जेब पर एक और आक्रमण है।

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