केन्द्र की मोदी सरकार किसानों से वार्ता करने का ढोंग करती है, पर मुख्यमंत्री खट्टर ने यह कहकर अपनी किसान विरोधी मानसिकता फिर जाहिर कर दी है कि वार्ता की पहल सरकार नही अपितु किसानों को करनी होगी।

रेवाड़ी,22 मार्च 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार विकास के नाम पर लम्बी-चौड़ी हांककर दक्षिणी हरियाणा को ठग रही है जबकि असलियत यह है कि इस क्षेत्र में सर्दियों में सरकार पीने का पर्याप्त पानी तक उपलब्ध करवाने में नाकाम रही है। विद्रोही ने सवाल किया कि जब सर्दी के मौसम में भी दक्षिणी हरियाणा को पीने का पर्याप्त पानी तक नही मिल पाया है तो अब गर्मीयों में स्थिति कितनी भयावह होगी, इसका सहज अनुंमान लगाया जा सकता है।
मुख्यमंत्रीे से लेकर दक्षिणी हरियाणा से भाजपा टिकट पर निर्वाचित सांसद, विधायक, मंत्री-संतरी आये दिन मीडिया में दमगज्जे मारते रहते है कि दक्षिणी हरियाणा को कांग्रेस राज की तुलना में ज्यादा नहरी पानी दिया जा है। पर यह ज्यादा पानी कहां दिया जा रहा है और कहां जा रहा है, क्ष़ेत्र का आमजन तो जानता तक नही। सवाल उठता है कि जब नहरी पेयजल आधारित परियोजनाओं में भी पूरे माह तक पर्याप्त पानी सप्लाई करने लायक पानी नही रहता। हर माह 10 से 15 दिन पीने के पानी की राशनिंग होती है तो ज्यादा नहरी पानी देने का दावा जुमला नही तो क्या है?
विद्रोही ने कहा कि यह कितनी बडी बिडम्बना है कि मीडिया में भाजपाई-संघीयों के महाझूठे दावों को तो रोज बढाचढ़ा कर प्रचारित-प्रसारित किया जाता हैं, किन्तु उन महाझूठे दावों की विपक्ष की ओर से तथ्यों व जमीनी धरातल की स्थिति अनुसार पोल खोली जाती है तो ऐसे बयानों को मीडिया कूड़ेदान में डाल देता है। सरकार व मीडिया की सांठगांठ लोकतंत्र के लिए कितनी घातक है, यह बताने की जरूरत नही है। दक्षिणी हरियाणा ने दिल खोलकर विगत दो लोकसभा व विधानसभा आम चुनावों में भाजपा का साथ दिया है, पर इस क्षेत्र को जनसमर्थन के बदले में भाजपा ने विश्वासघात के अलावा कुछ नही दिया।
विद्रोही ने कहा कि अपने मुंह मियां मिठ्ठू बनकर अपनी पीठा थपथपाने वाले मुख्यंमत्री खट्टर के मुंह से झूठ, फरेब के अलावा कुछ नही निकलता। किसान आंदोलन के प्रति तो उनका विरोध जगजाहिर है। किसान-खेती बाहुल्य हरियाणा के इतिहास में आज तक खट्टर जितना किसान विरोधी कोई भी मुख्यमंत्री नही रहा है। केन्द्र की मोदी सरकार किसानों से वार्ता करने का ढोंग करती है, पर मुख्यमंत्री खट्टर ने यह कहकर अपनी किसान विरोधी मानसिकता फिर जाहिर कर दी है कि वार्ता की पहल सरकार नही अपितु किसानों को करनी होगी। जो भाजपाई-संघी सरकार आंदोलरत किसानों से अपनी ओर से पहल करके वार्ता तक करने को तैयार नही है, ऐसी सरकार कितनी किसान विरोधी है, यह बताने की जरूरत नही। विद्रोही ने हरियाणा के लोगों से आग्रह किया कि अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए हरियाणावासियों को भाजपा-संघ की जनविरोधी, फासिस्ट सरकार के खिलाफ आरपार की लडाई लडनी होगी।