“130वां संविधान संशोधन: मोदी सरकार की जनादेश लूट की साज़िश?”

“जनादेश की वैज्ञानिक चोरी! 130वें संशोधन बिल पर विद्रोही का बड़ा आरोप”

“ईडी-सीबीआई से सरकारें गिराओ, अब संविधान बदलकर जनादेश भी छीनो – विद्रोही”

नई दिल्ली/रेवाड़ी, 21 अगस्त 2025। संसद में भारी हंगामे के बीच प्रस्तुत 130वें संविधान संशोधन बिल ने सियासत में भूचाल ला दिया है। इस बिल में प्रावधान किया गया है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी गंभीर अपराध में गिरफ्तार होकर 30 दिन जेल में रहते हैं, तो 31वें दिन उनकी सदस्यता और पद स्वतः समाप्त हो जाएंगे।

स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने इस बिल को संविधान के मूल ढांचे के विरुद्ध, अलोकतांत्रिक और मतदाताओं के जनादेश का खुला अपमान करार दिया है।

विद्रोही के आरोप

  • मोदी-भाजपा सरकार ने इस बिल के जरिए साबित कर दिया है कि उनका लोकतंत्र, संविधान और जनादेश में कोई विश्वास नहीं है।
  • यदि यह बिल कानून बनता है तो भारत लोकतांत्रिक देश की बजाय राजतंत्र में बदल जाएगा।
  • केंद्र सरकार ईडी, सीबीआई और एनआईए जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्षी नेताओं को फर्जी मामलों में जेल भेज सकती है।
  • इस प्रावधान से विपक्ष शासित राज्यों की सरकारें मनमाने ढंग से गिराई जा सकती हैं।
  • पहले ही भाजपा सत्ता बल पर विधायकों को तोड़ने, अवैध चंदा वसूली और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप झेल रही है।

जनादेश चोरी का नया तरीका?

विद्रोही ने कहा कि यह बिल पास हो गया तो मतदाता के वोट का कोई महत्व नहीं बचेगा। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि देश के आमजन यदि इसका जोरदार विरोध नहीं करेंगे तो आने वाले समय में मोदी-भाजपा-संघ खुलेआम जनादेश की चोरी करेंगे।

बड़ा सवाल यह है कि क्या 130वां संविधान संशोधन बिल जनता के हित में है या लोकतंत्र की जड़ों को हिलाने वाला प्रावधान?

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