प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
गुडग़ांव, 24 मई (अशोक): सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में जुटी आशा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान मीरा ने बताया कि आशा वर्कर्स को सुरक्षा उपकरण, मास्क, फेस शील्ड, सैनिटाईजर आदि उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। वे सदैव कोरोना संक्रमितों के बीच में रहकर ही अपना कार्य कर रही हैं। कई आशा वर्कर्स कोरोना संक्रमित भी हो गई हैं और उन्हें सदैव कोरोना संक्रमण होने का भय सताता रहता है। उन्हें जोखिम भता भी नहीं दिया जा रहा है और न ही 50 लाख रुपए का अन्य कर्मचारियों की भांति बीमा कवर दिया जा रहा है।
इसी सबको लेकर उन्होंने सोमवार को हड़ताल कर अपनी मांंगों से संबंधित ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम दिया है।
उन्होंने मांग की है कि कोरोना महामारी में अपनी सेवाएं देने वाली आशा वर्कर्स को जहां कोरोना से लडऩे के लिए समुचित उपकरण उपलब्ध कराए जाएं, वहीं उन्हें प्रतिमाह 10 हजार रुपए जोखिम भता व 50 लाख रुपए का बीमा कवर, परिजनों के उपचार के कवरेज के लिए 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और उनके बकाया परिश्रमिक व भतों का भुगतान भी तत्काल कराया जाए। सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत राशि आवंटित करें या सभी के लिए स्वास्थ्य के अधिकार को संवैधानिक किया जाए। 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलनों की सिफारिशों को लागू करते हुए आशा वर्कर्स को प्रतिमाह न्यूनतम वेतन 24 हजार के साथ नियमित किया जाए। उनकी हौंसला अफजाई करने के लिए जनवादी महिला समिति की प्रदेशाध्यक्ष ऊषा सरोहा, सीटू के एसएल प्रजापति, रेहड़ी पटरी कमेटी के योगेश कुमार आदि भी शामिल रहे।