शिक्षा विभाग पर सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ द्वारा लगाया गया वादा खिलाफी का आरोप

अम्बाला – हरियाणा के सरकारी स्कूलों द्वारा प्राइवेट स्कूलों के एमआईएस पोर्टल से छेड़छाड़ करके प्राइवेट स्कूलों के अधिकारों का हनन किया जा रहा हैं सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों के ऑनलाइन एमआईएस पोर्टल से छेड़छाड़ करके प्राइवेट स्कूलों की परमिशन के बिना एसएलसी जारी करके सरकारी स्कूलों में बच्चो का कर रहे चोरी छिपे दाखिला किया जा रहा हैं
जबकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना हैं की सरकारी स्कूलों में बिना एसएलसी दाखिला नही हो रहा हैं जबकि प्राइवेट स्कूल संचालको का आरोप हैं कि सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों के रिकॉर्ड से एमआईएस पोर्टल पर चोरी छिपे छेड़खानी कर रहे हैं
इस मामले को लेकर पिछले दिनों सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ की एक बैठक प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सेठी के नेतृव में हिसार में हुई थी और आगामी रणनीति तैयार की गई थी
नरेंद्र सेठी का कहना हैं कि एक स्कूल से लगभग 15 से 50 की संख्या में सरकारी स्कूलों द्वारा एमआईएस पोर्टल से उनके बच्चो को चोरी छिपे रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करके चुरा लिया हैं जो एक गम्भीर अपराध हैं इसके लिए वकील से बातचीत करके कानूनी प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी और साथ ही उस सरकारी स्कूल के मुख्याध्यापको के खिलाफ भी छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया जा सकता हैं

सर्व हरियाणा प्राइवेट संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सेठी का कहना हैं कि हरियाणा में लगभग ऐसे बच्चो की संख्या 50 हजार के करीब हैं और यह आंकड़ा बढ़ भी सकता हैं
गौरतलब हैं पिछले दिनों हरियाणा के शिक्षमंत्री के सामने इस मुद्दे को उठाया गया था और शिक्षमंत्री कवर पाल गुर्जर का कहना था कि सरकारी स्कूल में बिना एसएलसी के दाखिला नही होगा लेकिन फिर भी यह प्रक्रिया चालू हैं
निजी स्कूलों के कड़े विरोध के बाद शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक कर आश्वासन दिया था कि बिना एसएलसी सरकारी स्कूलों में निजी स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का दाखिला नहीं होगा। उनके आश्वासन को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा निदेशालय ने एसएलसी की गरिमा को बरकरार रखते हुए नए आदेश जारी कर दिए थे लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालको का कहना हैं कि यह प्रक्रिया अभी भी जारी हैं जिसे स्कूल संचालक सहन नही करेंगे
हरियाणा सरकार से बिना एसएलसी सरकारी स्कूलों में दाखिले के आदेशों को वापस लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के पास पिछले सत्र की बकाया फीस लेने के लिए एसएलसी एकमात्र साधन था, जिसे सरकार ने हटा दिया हैं और कोविड 19 के कारण स्कूल बंद होने की कगार पर आ खड़े हुए हैं साथ ही स्कूल संचालको ने अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को 10 साल की एक मुश्त मान्यता देने की मांग की ताकि 2014 में बीजेपी सरकार द्वारा किये गए पूर्व शिक्षमंत्री ओर उस समय के हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष रहे रामबिलास शर्मा द्वारा स्कूल संगठनों से वादा किया गया था कि हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनने पर अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को एक मुश्त स्थाई मान्यता दे दी जाएगी लेकिन आज भी यह मामला ज्यो का त्यों बना हुआ हैं
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सत्यवीर गढ़वाल, ईश्वर ईसा, सुशील नागपाल, शशि सहगल, शिव कुमार शर्मा, सुशील बिश्नोई रविन्द्र जांगड़ा, विनोद चौहान मौजूद रहे