Tag: डॉo सत्यवान सौरभ

चिंता का सबब बनता गिरता हुआ रुपया

-सत्यवान ‘सौरभ’………….रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट, रुपये के मूल्यह्रास का मतलब है कि डॉलर के मुकाबले रुपया कम मूल्यवान हो गया है। अमेरिकी डॉलर के…

अगर जीतना स्वयं को, बन सौरभ तू बुद्ध !!

बुद्ध का अभ्यास कहता है चरम तरीकों से बचें और तर्कसंगतता के बीच के रास्ते पर चलना समय की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, चल रहे यूक्रेन युद्ध जहां रूस…

डॉo सत्यवान सौरभ के दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ का हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2020 के लिए चयन।

हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2020 के लिए हिन्दी व हरियाणवी भाषा के श्रेष्ठ पाण्डुलिपि अनुदानों की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसम्पर्क एवं…

पीडीएस में तकनीकी प्रगति हो मगर पात्र लाभार्थियों की उपेक्षा नहीं

वर्तमान में दिल्ली के मुख्यम्नत्री द्वारा घर-घर राशन वितरण की बात को लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) फिर से चर्चा में है. जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने और किसानों को…

‘सुकमा काण्ड’ सुनियोजित और बेरहमी से किया गया हमला है

कठोर सत्य यह है कि राज्य के पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के दो युद्धरत समूहों के बीच आज आदिवासी एक दूसरे के बीच फंसे हैं। बहुत खून-खराबा हुआ…

बिडेन, मोदी और भारत-अमेरिका संबंधों के बदलते आयाम

अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में केवल राष्ट्रीय हित अपरिवर्तित रहते हैं। व्यक्तिगत संबंध राष्ट्रीय हितों के लिए बाधा नहीं बनते हैं, इसलिए बिडेन श्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के साथ संबंधों…

आखिर क्यों बदल रहे हैं मनोभाव और टूट रहे परिवार ?

भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया है. कच्चे से पक्के होते घरों की ऊँची दीवारों ने आपसी वार्तालाप को लुप्त कर…

भूख से मर रहें है दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए जिम्मेवार कौन ?

सामाजिक सुरक्षा कोष में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि देश के सबसे गरीब और कमजोर तबके को यह वित्तीय सुरक्षा की भावना प्रदान कर सके. एक मजदूर देश के…

एक युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध

हमने देख लिए है कि सिर्फ अदालती आदेशों के भरोसे हम इस समस्या से नहीं लड़ सकते. तभी तो इस मुद्दे पर हर साल हो-हल्ला होता है. इसके बावजूद भी…

संसदीय व्यस्था से प्रश्नकाल ’को हटा दिया जाना चौंकाने वाला है

एक कार्यशील लोकतंत्र में परीक्षा के समय संकटों का सामना करने की क्षमता होनी चाहिए ताकि वहां – सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और लोकतंत्र के संस्थानों पर आधारभूत सुधार किया जा…