Tag: कोचिंग संस्थान

(जब शिक्षा डर बन जाए) : डिग्रियों की दौड़ में दम तोड़ते सपने, संभावनाओं की कब्रगाह बनते संस्थान !

संस्थाएं डिग्रियां नहीं, ज़िंदगियां दें — तभी शिक्षा का अर्थ है भारत में शिक्षा संस्थान अब केवल डिग्रियों की फैक्ट्री बनते जा रहे हैं, जहां बच्चों की संभावनाएं और संवेदनाएं…

शिक्षा: बाजारीकरण के भंवर में ……..

✍ विजय गर्ग ………. सेवानिवृत्त प्रिंसिपल मलोट पंजाब शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि एक उज्ज्वल समाज की नींव है। यह न केवल व्यक्ति के भविष्य, बल्कि राष्ट्र…