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पत्रकारिता में स्पांसर्ड खबरें आने से इसकी साख गिरी: दीप्ति अंगरीश

-कमलेश भारतीय पत्रकारिता में स्पांसर्ड खबरें आने से इसकी साख गिरी और यदि यही रूझान रहा तो आने वाले कुछ सालों में खबरों में लोगों की कोई दिलचस्पी नहीं रह…

उम्मीद है तो सब है, कोरोना काल में न छोडे उम्मीद की डोर, हाथ से हाथ थामकर चलने का है समय

दीप्ति अंगरीश उम्मीद। सिर्फ एक शब्द नहीं एक अहसास, एक खुशी, एक ऊर्जा, एक सकरात्मक संचार है। भगवान से तो हम सभी उम्मीदें लगाए रहते हैं। कुछ परेशानी होगी तो…