राजा का धर्म, नेतृत्व और राजनीति की आज की पीड़ा
“Il राजानां अनुवर्तन्ते यथा राजा तथा प्रजा” — चाणक्य(जैसा राजा होगा, वैसी ही उसकी प्रजा बन जाएगी) ✍️ आचार्य डॉ. महेन्द्र शर्मा ‘महेश’ गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड में…
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“Il राजानां अनुवर्तन्ते यथा राजा तथा प्रजा” — चाणक्य(जैसा राजा होगा, वैसी ही उसकी प्रजा बन जाएगी) ✍️ आचार्य डॉ. महेन्द्र शर्मा ‘महेश’ गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड में…
ईश्वर तो ब्राह्मण और संतों के संरक्षक हैं। इन की उपेक्षा करना किसी को भारी पड़ सकता है क्योंकि यह ईश्वर के मुख हैं। इन की वाणी से निकला हुआ…
भगवान वाल्मीकि जयंती के अवसर पर गृह मंत्री अनिल विज विभिन्न क्षेत्रों स्थित वाल्मीकि मंदिरों में नत्मस्तक हुए और श्रद्धालुओं को जयंती की शुभकामनाएं दी प्रत्येक स्थान पर मंदिर सभा…
एक महाकाव्य के रूप में रामायण मानव जाति के लिए मार्गदर्शन का एक शाश्वत स्रोत है कि कैसे जीवन को इस तरह से जिया जाए कि यह समाज को लाभान्वित…
हमारी बोलचाल, प्यार, उलाहनों और कहावतों में रचे बसे है श्रीराम –डॉo सत्यवान सौरभ, रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,दिल्ली यूनिवर्सिटी, राम-राम जी। हरियाणा में किसी राह चलते अनजान को भी…