डीएपी खाद की कमी और बढ़ती महंगाई को लेकर कितलाना टोल पर किसानों ने नारेबाजी करते हुए किया रोष प्रदर्शन।
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
01 अक्तूबर,बिजाई के समय डीएपी की भारी कमी और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि को लेकर किसानों का गुस्सा आज यहां फूट पड़ा और उन्होंने कितलाना टोल पर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अपना रोष जाहिर किया। उन्होंने कहा की सरकार जानबूझकर जनता को प्रताड़ित करने पर जुटी है लेकिन सत्ताधारी भूल रहे हैं कि सत्ता के शीर्ष पर वे इसी जनता की बदौलत बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मौका मिलते ही जनता सूद समेत इसका बदला चुकाएगी।
सांगवान खाप के प्रवक्ता रणधीर घिकाड़ा ने कहा कि खाद की कमी के लिए सरकार का कुप्रबंधन दोषी है। समय से सरकार ने स्टॉक किया होता और पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की होती तो आज ये हालात ना होते। उन्होंने कहा कि इस खट्टर सरकार के कार्यकाल में दूसरी बार थानों में खाद बंट रही है और महिलाओं को भी लाईन में खड़ा होना पड़ रहा है।
किसान नेता राजू मान ने कहा कि पेट्रोल और डीजल शतक पार कर चुके हैं और इसके कारण बढ़ती महंगाई से गरीब और मध्यम वर्ग पर बड़ी मार पड़ रही है। सरकार का ध्यान सिर्फ अपने चहेते पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने पर लगा है। सरकार को आम आदमी को राहत देनी होती तो टैक्स में कमी कर सकती थी। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता जब विपक्ष में थे उस वक्त तेल के मूल्य में एक रुपए की वृद्धि होते ही अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते थे अब साल के भीतर 28 रुपए प्रति लीटर बढ़ने पर सत्ताधारियों के मुंह पर ताले पड़े हुए हैं। गैस सिलेंडर के दाम हजार छूने से गृहणियों का रसोई का बजट बिगड़ गया है।
कन्नी प्रधान मास्टर ताराचंद चरखी ने कहा कि तीन काले कानूनों के खिलाफ चल रही लड़ाई अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है और सरकार को ये कानून रद्द करने के साथ एमएसपी की गारंटी देनी होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और किसान- मजदूरों के आगे सरकार को आखिरकार झुकना पड़ेगा।
कितलाना टोल पर सांगवान खाप के सचिव नरसिंह डीपीई, गंगाराम श्योराण, सुखदेव पालवास, जगदीश हुई, नरेंद्र घणघस, प्रेम थानेदार, शमशेर सांगवान, देशराम भांडवा, निर्मला पांडवान, सुशीला, रतन्नी देवी, निम्बो, संतरा, बलबीर सरपंच, सूबेदार सत्यवीर, कुलदीप धायल, जिले सिंह डोहकी, कर्ण सिंह नम्बरदार, जगदीश झोझू, ओमप्रकाश प्रजापत, राजेन्द्र चरखी, महिपाल आर्य, राजपाल फौगाट, मुंशीराम मलिक अजितपुर इत्यादि मौजूद थे।