ईश्वर धामु

भिवानी। हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पर हमें गरिमापूर्ण व जिम्मेदारीपूर्ण पत्रकारिता का संकल्प लेना चाहिए। हमको आज के दिन प्रकाशित हुए उदंत मार्तंड के मालिक जुगल किशोर शुक्ल के संघर्ष से बहुत कुछ सिखना चाहिए, जिन्होने विपरित परिस्थितियों में भी अखबार प्रकाशित किया। अंग्रेज शासकों ने उनको डाकखाने से मिलने वाली रियायत तक नहीं लेने दी, जो अखबार पोस्ट करने के लिए मिल जाती थी। बाद में तो अखबार को संैसर किया जाने लगा। ऐसे हालातों में जुगल किशोर शुक्ल ने बड़ी हिम्मत तथा निर्भीकता से अखबार निकाला।

धामु ने कहा कि आज भी अखबार अपनी सरकुलेशन बचाने के लिए पाठकों को प्रलोभन दे रहे हैं। उन्होने सरकार से मांंग की है कि सरकार विज्ञापन नीति पर दोबारा से विचार करें ताकि मंझले अखबारों को थोड़ी मदद मिल सके। उन्होने सरकार से सरकार से फर्जी मान्यताओं को रद्द करने की एक बार फिर से मांग की। साथ ही उन्होने दोहराया कि युट्यूब चैनलोंं के लिए भी सरकार पॉलिसी बनाए। क्योकि आज के समय मेें इन चैनलों के महत्व को नक्कारा नहीं जा सकता। उन्होने राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस सरकारी स्तर पर मनाए जाने की मांग की।

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