केन्द्र व राज्य सरकार के मंत्री व विधायक मिलकर अहीरवाल को उसका वाजिब हिस्सा विकास कार्यो में नही दिलवा सकते तो यह मतदाताओं के साथ राजनीतिक धोखाधडी होगी : विद्रोही
अहीरवाल के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने विगत दस सालों में कभी भी एकजुट होकर सरकार पर इस क्षेत्र के विकास कार्यो को पूरा करने के लिए पर्याप्त बजट देने के लिए दबाव नही बनाया : विद्रोही

29 नवम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने अहीरवाल से भाजपा के सभी निर्वाचित सांसदो, विधायकों से आग्रह किया कि वे मिलकर इस क्षेत्र के विगत दस सालों से अटके पड़ेे, आधे-अधूरे विकास प्राजेक्टस को उसी भावना से पूरा करवाये जिस भावना से यहां के मतदाताओं ने भाजपा को एकतरफा समर्थन देकर हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनवाने म एकबार फिर महत्वपूर्णे भूमिको निभाई है। विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल की नांगल चौधरी विधानसभा सीट को छोडकर अन्य सभी सीटे मतदाताओं ने भाजपा की झोली में डाली है। वहीं अहीर बाहुल्य दोनो लोकसभा सीटों से भी भाजपा के ही सासंद निर्वाचित हुए है। वहीं दस सालों बाद पहली बार अहीरवाल के दो केबिनेट मंत्री हरियाणा सरकार में मंत्री बने है, वहीं केन्द्र में भी अहीरवाल के ही जमालपुर-पटौदीे के निवासी भूपेन्द्र सिंह यादव केन्द्र सरकार में केबिनेट मंत्री है व रामपुरा रेवाडी के राव इन्द्रजीत सिंह स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री है। भाजपा ने पहली बार हरियाणा व केन्द्र सरकार में अहीरवाल से सम्बन्धित विधायकों व सांसदों को उचित प्रतिनिधित्व दिया है। हरियाणा सरकार में अहीरवाल के दोनो केबिनेट मंत्रीयों राव नरबीर सिंह व आरती राव को भी महत्वपूर्ण विभाग दिये गए है।
विद्रोही ने कहा कि ऐसी अनुकूल परिस्थितियों के बाद भीे यहां से केन्द्र व राज्य सरकार के मंत्री व विधायक मिलकर अहीरवाल को उसका वाजिब हिस्सा विकास कार्यो में नही दिलवा सकते तो यह मतदाताओं के साथ राजनीतिक धोखाधडी होगी। केन्द्र व राज्य सरकार में उचित प्रतिनिधित्व होने के बाद भी यदि अहीरवाल के विगत दस सालों से अटके पडे आधे-अधूरे विकास प्रोजेक्ट निर्वाचित भाजपा जनप्रतिनिधि पूरे नही करवा सकते तो यहीं माना जायेगा कि यहां से निर्वाचित सासंदों, विधायकों की प्राथमिकता अहीरवाल क्षेत्र के विकास की बजाय केवल अपने निजी आर्थिक, राजनीतिक हित पूरे करने मात्र कीे है।
विद्रोही ने कहा कि विकास घोषणाएं करके व उनको निर्माण शुरू करने की नौटंकी करना बडा आसान है लेकिन घोषित विकास परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए उनके निर्माण के लिए पर्याप्त बजट देना भी जरूरी है। बजट अभाव में अहीरवाल के शिक्षा, स्वास्थ्य सम्बन्धित सभी प्रोजेक्ट आधे-अधूरे है। यहां से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने विगत दस सालों में कभी भी एकजुट होकर सरकार पर इस क्षेत्र के विकास कार्यो को पूरा करने के लिए पर्याप्त बजट देने के लिए दबाव नही बनाया। विद्रोही ने कहा कि इस बार भाजपा की अदंरूनी राजनीति में भी एक जनप्रतिनिधि को छोडकर बाकी सभी चुने सांसद व विधायक एक ही नेता के समर्थक है। ऐसी अनुकूल राजनीतिक परिस्थितियों में भी यदि अहीरवाल का समुचित विकास नही होता है और कछुआ गति से हीे विकास प्रोजेक्ट चलते है तो यह क्षेत्र के साथ धोखाधडी होगी।