ट्रंप शासन 2.0 शुरू-अमेरिका बनेगा महान: प्रथम भाषण में घोषित किए गए प्लान
– भारतीय पीएम व अमेरिकी राष्ट्रपति की जबरदस्त बॉन्डिंग पर जोर देना ज़रूरी
– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

गोंदिया (महाराष्ट्र): 20 जनवरी 2025, अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही भाषण में फैसलों की झड़ी लगा दी, जिससे दुनिया भर के लोगों का ध्यान खींच लिया। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान, जो भारत में रात 10:30 बजे था, करोड़ों लोग टीवी, मोबाइल और रेडियो पर लाइव इसे देख रहे थे। ट्रंप के पहले संबोधन में 13 से ज्यादा कड़े फैसले लिए गए, जो वैश्विक राजनीति और आंतरिक नीतियों पर असर डालने वाले थे।
फैसलों की झड़ी: ट्रंप के पहले भाषण के अहम अंश
- अमेरिका फर्स्ट – सरकार अमेरिका को प्राथमिकता देगी।
- मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर अमेरिकी खाड़ी किया जाएगा।
- मेक्सिको बॉर्डर पर इमरजेंसी लागू होगी।
- ड्रग तस्करों को आतंकवादी घोषित किया जाएगा।
- घुसपैठियों को रोकने के लिए सेना की मदद ली जाएगी।
- अमेरिका में अब तीसरा जेंडर नहीं होगा।
- अमेरिका में बोलने की स्वतंत्रता की रक्षा की जाएगी, खासकर अश्वेत समुदाय के मुद्दे पर।
- ‘ड्रिल बेबी ड्रिल’ नीति का ऐलान।
- दूसरे देशों से आयातित वस्तुओं पर टैक्स और टैरिफ बढ़ाए जाएंगे।
- अमेरिका में सैनिकों के अधिकार बढ़ाए जाएंगे।
- 20 जनवरी को ‘नई आजादी का दिन’ घोषित किया।
- दूसरे देशों की जंग में अमेरिका की सेना का हस्तक्षेप नहीं होगा।
- पनामा नहर से चीन का अवैध कब्जा हटेगा।

इन फैसलों का भारत पर सीमित असर हो सकता है, खासकर नई आव्रजन नीति को लेकर। अमेरिका में भारतीय मूल की 6 प्रतिशत आबादी है, जिनमें कुछ लोग अवैध तरीके से निवास कर रहे हैं। इस संदर्भ में अमेरिका की नई आव्रजन नीति भारत के लिए एक चुनौती हो सकती है।
ट्रंप की आलोचना और भविष्य की योजनाएं
ट्रंप ने अपने भाषण में पूर्व राष्ट्रपति जो बाईडेन के शासनकाल की आलोचना की और अमेरिकी जनता को विश्वास दिलाया कि वह राष्ट्र को फिर से महान बनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार को अब सही दिशा में काम करने के लिए कदम उठाने होंगे।
उनके भाषण में प्रमुख बिंदु थे:
अमेरिका की समृद्धि का पुनर्निर्माण।
आव्रजन नीतियों में बदलाव, खासकर दक्षिणी सीमा पर कड़ी कार्रवाई।
मूल्य वृद्धि, राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा।
ट्रंप के भाषण में यह साफ था कि उनका उद्देश्य अमेरिका को हर दृष्टि से महान और समृद्ध बनाना है। उनके अनुसार, यह नया दौर अमेरिका के लिए स्वर्णिम होगा।
भारत-अमेरिका संबंध: पीएम मोदी का संदेश
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को उनके शपथ ग्रहण पर बधाई देते हुए कहा, “मैं अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में आपके ऐतिहासिक शपथ ग्रहण पर आपको बधाई देता हूं। मैं हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने के लिए तत्पर हूं।” मोदी के इस संदेश से भारत और अमेरिका के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की झलक मिलती है।
निष्कर्ष
ट्रंप के पहले भाषण में लिए गए कड़े फैसले और उनके भविष्य के प्लान से यह स्पष्ट होता है कि ट्रंप का उद्देश्य अमेरिका को फिर से एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाना है। उनका ‘अमेरिका फर्स्ट’ सिद्धांत, अवैध आव्रजन पर सख्त नीति और विदेश नीति में बदलाव से वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना है। इसके साथ ही, भारत-अमेरिका के मजबूत रिश्तों को और भी विस्तार मिलेगा, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बधाई में उल्लेख किया।
–संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र