नई दिल्ली, 6 फरवरी 2025: वर्ल्ड बुक फेयर, नई दिल्ली में यूनाइटेड ब्राह्मण ऑर्गनाइजेशन (UBO)/BSS (ब्राह्मण स्वयंसेवक संघ) के संयोजक ब्राह्मण पेशवा राधेश्याम शर्मा हरेवली द्वारा लिखित दो महत्वपूर्ण पुस्तकों—“हिन्दू बनाम ब्राह्मण पुनर्जागरण आंदोलन” और “ब्राह्मण चार्टर” का भव्य विमोचन किया गया। इस अवसर पर वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन के अध्यक्ष पंडित रविकांत शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
ब्राह्मण समाज के लिए ऐतिहासिक दस्तावेज

विमोचन समारोह में बोलते हुए पंडित रविकांत शर्मा ने इन दोनों पुस्तकों को ब्राह्मण समाज और ब्राह्मण संस्थाओं के लिए अभूतपूर्व दस्तावेज बताया। उन्होंने कहा, “जो भी व्यक्ति या संगठन ब्राह्मण समाज के उत्थान और कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं, उनके लिए ये पुस्तकें एक मार्गदर्शिका सिद्ध होंगी।”
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन, जिसकी 15 देशों में शाखाएँ हैं, इन पुस्तकों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद कराकर वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इनसे लाभान्वित हो सकें।
प्रकाशक और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर प्रखर गूंज पब्लिकेशन की मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रकाशक नीलू सिन्हा भी मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि इस साल के वर्ल्ड बुक फेयर में 50 देशों के सैकड़ों प्रकाशक और लेखक भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन पुस्तकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भेजा जा रहा है, जिससे विश्वभर के लोग इनका अध्ययन कर सकें।”
दिल्ली के प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक शर्मा और अनिल कुमार ने इन पुस्तकों को सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि इन पुस्तकों के अध्ययन से ब्राह्मण समाज की सोच में अकल्पनीय परिवर्तन आएगा और यह एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगा।
पंडित रविकांत शर्मा: ब्राह्मण समाज के एक सशक्त नेता
विमोचन समारोह में पंडित रविकांत शर्मा के योगदान को भी विशेष रूप से रेखांकित किया गया। वे स्वर्गीय पंडित मांगे राम शर्मा के बड़े सुपुत्र हैं, जिन्होंने भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की विरासत को आगे बढ़ाया।
अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए, उन्होंने पहले अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा का नेतृत्व किया और बाद में इसे वैश्विक स्तर पर ले जाकर अमेरिका में वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन की स्थापना की। आज वे ब्राह्मण समाज को एकजुट करने और उसके विकास के लिए सतत प्रयासरत हैं।
निष्कर्ष
इस विमोचन कार्यक्रम ने न केवल ब्राह्मण समाज के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया, बल्कि इसने भविष्य के लिए एक नई सोच और दृष्टिकोण को भी जन्म दिया। इन पुस्तकों के माध्यम से ब्राह्मण समाज को एकता, सशक्तिकरण और पुनर्जागरण की प्रेरणा मिलेगी।