मतदाता राजनीतिज्ञों के भाग्य विधाता हैं-हर मतदाता को अपने वोट का इस्तेमाल हाई अलर्टपर रहकर पूर्ण विश्वास के साथ करना ज़रूरी

-एडवोकेट किशन सनंमुखदास भावनानी गोंदिया 

भारत की राजधानी दिल्ली सहित अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, ईरान, और दक्षिण अफ्रीका के चुनावों में मतदाताओं ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। यह घटनाएं यह साबित करती हैं कि मतदाता, राजनीतिज्ञों के भाग्य विधाता होते हैं। हर मतदाता को अपने वोट का इस्तेमाल करते वक्त पूरी सतर्कता और विश्वास के साथ यह समझना चाहिए कि उनका एक वोट किस तरह सत्ता की दिशा बदल सकता है।

वैश्विक परिपेक्ष्य में मतदाताओं की ताकत

आज, वैश्विक स्तर पर मतदाताओं की ताकत तेजी से बढ़ रही है। बढ़ते लोकतंत्र के इस दौर में मतदाता किसी भी नेता, राजनेता या राजनीतिज्ञ को सत्ता में ला सकते हैं, तो उन्हें सत्ता से बाहर भी कर सकते हैं। हाल ही में हमने देखा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में, 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को सत्ता का ताज मिला, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को हार का सामना करना पड़ा। यह घटना भारत के लोकतंत्र में मतदाताओं की शक्ति को दर्शाती है।5 फरवरी 2025 को दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों ने यह साबित कर दिया कि जनता का वोट ही चुनावों का निर्णायक बनता है। भाजपा ने 48 सीटों पर विजय प्राप्त की, जबकि आम आदमी पार्टी सिर्फ 22 सीटों तक सीमित रह गई। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। यह चुनाव परिणाम यह दर्शाते हैं कि मतदाता किसी भी पार्टी को सत्ता से बाहर कर सकते हैं और सत्ता में बदलाव ला सकते हैं।

दुनियाँ  भर में मतदाताओं की ताकत

दिल्ली के बाद, अगर हम दुनिया के प्रमुख देशों की बात करें, तो वहां भी मतदाताओं ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। 20 जनवरी 2025 को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ली, और उन्होंने 50.9 प्रतिशत वोटों के साथ चुनाव जीता। इसी तरह, फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो की पार्टी को संसदीय चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। ब्रिटेन में, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को हार का सामना करना पड़ा, और दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला की पार्टी को 30 वर्षों में पहली बार संसदीय चुनाव में बहुमत नहीं मिला।इन चुनावों से यह साफ है कि आज के दौर में, दुनिया के हर देश में मतदाता ही सत्ता की दिशा तय करते हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की ऐतिहासिक जीत

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। 27 साल बाद भाजपा को सत्ता मिली, जबकि आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा। इस बार भाजपा ने 48 सीटों पर विजय प्राप्त की, जो पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले 9 प्रतिशत अधिक वोट शेयर था। इस चुनाव में, आम आदमी पार्टी को 10 प्रतिशत का नुकसान हुआ। यह चुनाव परिणाम साबित करते हैं कि मतदाता अपने निर्णय से किसी भी पार्टी को सत्ता से बाहर कर सकते हैं, और वे हमेशा सत्ता के असली भागीदार होते हैं।

दुनियाँ भर में चुनाव परिणाम और मतदाता की शक्ति

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और अन्य देशों में हुए चुनावों के परिणामों से यह सिद्ध होता है कि मतदाताओं का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। चाहे वह दिल्ली विधानसभा हो या अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में मतदाता अपनी ताकत से चुनावी नतीजों को प्रभावित करते हैं।

निष्कर्ष: मतदाता ही राजनीतिज्ञों के भाग्य विधाता

अगर हम दुनिया भर में हाल ही में हुए चुनावों के परिणामों का विश्लेषण करें, तो यह साफ है कि मतदाता किसी भी नेता या पार्टी के भाग्य को पलट सकते हैं। मतदाता ही राजनीतिज्ञों के भाग्य विधाता होते हैं। अतः हर मतदाता को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए पूरी सतर्कता और विश्वास के साथ वोट डालना चाहिए, क्योंकि उनका एक वोट सत्ता की दिशा बदल सकता है।

-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

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