मुंबई (अनिल बेदाग) : अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और प्रदर्शनी (आईटीसीएक्स) 2025, 17 से 19 फरवरी तक तिरुपति के आशा कन्वेंशन्स में आयोजित होने वाला है। यह सम्मेलन हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन संस्थाओं को एक साथ लाकर उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने और मंदिर पारिस्थितिकी तंत्र को जोड़ने, मजबूत करने और आधुनिकीकरण के लिए एक मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन में 58 देशों के लगभग 1,581 धार्मिक संगठनों की भागीदारी होगी, जिसमें 111 से अधिक वक्ता, 15 कार्यशालाएं, ज्ञान सत्र और 60 से अधिक स्टॉल शामिल होंगे।

टेंपल कनेक्ट के संस्थापक गिरीश कुलकर्णी और महाराष्ट्र विधान परिषद के मुख्य प्रतोद प्रसाद लाड द्वारा संकल्पित ‘मंदिरों का महाकुंभ’ – आईटीसीएक्स का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं के अनुभव और सुविधा को बढ़ाना है, जो इसके मुख्य विषय ‘मंदिर अर्थव्यवस्था की संलग्नता, सक्षमीकरण और विस्तार’ के अनुरूप है।

आईटीसीएक्स 2025 मंदिर नेतृत्व, नीति निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों के बीच वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देगा, जो प्रगतिशील मंदिर प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगा। सम्मेलन में मुख्य भाषण, पैनल चर्चा, कार्यशालाएं और मास्टरक्लासेस शामिल होंगे, जो मंदिर प्रबंधन और तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतरीन बनाने के लिए विविध पहलुओं को कवर करेंगे।

टेंपल कनेक्ट के संस्थापक गिरीश कुलकर्णी ने कहा, “आईटीसीएक्स महज एक आयोजन नहीं है, बल्कि एक आंदोलन है जिसका उद्देश्य नवाचार और स्थिरता के माध्यम से मंदिर पारिस्थितिकी तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। स्मार्ट प्रबंधन नीतियों को लागू करके हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे आध्यात्मिकता, परंपरा और सामुदायिक विकास के ज्वलंत केंद्र बने रहें।”

आईटीसीएक्स के अध्यक्ष प्रसाद लाड ने कहा, “भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, आईटीसीएक्स का उद्देश्य परंपरा और आधुनिक शासन के बीच की खाई को कम करना है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि हर पूजा स्थल – चाहे वह कितना भी छोटा या दूरस्थ क्यों न हो, प्रशासनीय आदर्श के रूप में विश्वस्तर तक पहुँच का हकदार है जो उसके धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व को बढ़ाता है।”

आईटीसीएक्स की सह-निदेशक मेघा घोष ने कहा, “आईटीसीएक्स 2025 एक अभिनव तीन-चरणीय प्रारूप है, जिसे सीखने और सहयोग को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हमने राष्ट्रीय नेतृत्व सत्रों, व्यावहारिक कार्यशालाओं और हमारी ‘मंदिर वार्ता’ श्रृंखला से सावधानीपूर्वक सामग्री तैयार की है, जहाँ संस्थाएँ ‘मंदिर प्रबंधन को आधुनिक बनाने’ में अपनी सफलता की कहानियाँ साझा कर सकती हैं।”

आईटीसीएक्स 2025 मंदिर प्रबंधन में नवाचार, स्थिरता और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने में सहायक होगा।

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