रेवाड़ी की जमीनी हकीकत और नेताओं के बयान

रेवाड़ी, 14 फरवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के बाद विगत चार माह से अहीरवाल क्षेत्र, विशेष रूप से रेवाड़ी में विकास कार्य ठप पड़े हैं। भाजपा सरकार के मंत्री और विधायक केवल मीडिया में बयान बहादुर बने हुए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर विकास की कोई तस्वीर नहीं दिख रही।

विकास के नाम पर सिर्फ दावे, हकीकत में शून्य बदलाव

विद्रोही ने आरोप लगाया कि रेवाड़ी जिले के विधायक मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद विकास के लम्बे-चौड़े दावे ठोकते हैं और मीडिया उनका महिमामंडन करता है। लेकिन, हकीकत यह है कि पूरे अहीरवाल क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सफाई, पीने के पानी, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया अहंकारी और टरकाऊ बना हुआ है। बिना रिश्वत के किसी भी विभाग में काम नहीं होता।

सड़कों की बदहाली और सफाई व्यवस्था की पोल

विद्रोही ने कहा कि मुख्य सड़कों की मरम्मत के नाम पर सिर्फ पैचवर्क कर खानापूर्ति की जा रही है, जबकि गांवों और मोहल्लों की सड़कें अब भी बदहाल हैं। रेवाड़ी के विधायक हाथों में झाड़ू लेकर मीडिया में सफाई के पोज देते हैं, लेकिन पूरा शहर कचरे के ढेर पर बैठा है। पार्कों की दुर्दशा जस की तस बनी हुई है, अधिकांश स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं, और पीने के पानी की पर्याप्त उपलब्धता भी नहीं है।

विधायकों की सुनवाई नहीं, मंत्री भी लाचार

विद्रोही ने कहा कि आम जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही। खुद विधायक अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपनी बात न माने जाने की शिकायत कर रहे हैं। स्वास्थ्य, उद्योग, पर्यावरण और वन मंत्रालय के विभागों की हालत बदतर बनी हुई है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन विभागों में मंत्रियों की भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।

सरकार के झूठे दावे और भाजपा की अंतर्कलह

विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री केवल विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहे हैं, जबकि उनके अपने विधायक सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर रहे हैं कि जमीनी स्तर पर कोई विकास नहीं हुआ। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार के दावे सिर्फ दिखावा हैं और उनकी अपनी पार्टी में ही अंतर्कलह है।

जनता कब तक झूठे वादों को सहेगी?

उन्होंने कहा कि जनता अब नेताओं के खोखले वादों और झूठे दावों से ऊब चुकी है। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो जनता सरकार और नेताओं को जवाब देने के लिए तैयार बैठी है।

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