
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों के हितों को सुरक्षित करने व शेयर मार्केट के विकास वृद्धि को प्रोत्साहित करने में सेबी का अहम योगदान
– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

सेबी का नया विनियमन
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2025 में “विनियमों को बनाने, संशोधन और समीक्षा करने की प्रक्रिया” के तहत नए नियम अधिसूचित किए हैं। यह नियम विशेष रूप से निवेश सलाहकारों (IA) और शोध विश्लेषकों (RA) के लिए लागू किए गए हैं, जिससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा और शेयर बाजार के विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
शेयर बाजार में सेबी की भूमिका
वित्तीय प्रबंधन और निगरानी किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। भारत में सेबी इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है। इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुई थी और 1992 में इसे वैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ। सेबी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है, और इसके क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में भी हैं।
नए नियम और उनकी अनिवार्यता

सेबी ने 17 फरवरी 2025 को एक अधिसूचना जारी कर निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं:
- महत्वपूर्ण शर्तों का खुलासा: सभी IA और RA को “मोस्ट इम्पोर्टेंट टर्म्स एंड कंडीशंस” (MITC) दस्तावेज़ में नियम और शर्तों को स्पष्ट करना होगा।
- डिजिटल संचार: मौजूदा ग्राहकों को MITC की जानकारी केवल ईमेल या अन्य सुरक्षित डिजिटल माध्यमों से भेजी जा सकती है।
- शिकायत निवारण प्रणाली: निवेशकों को सेबी के स्कोर्स पोर्टल या ऑनलाइन विवाद समाधान (ODR) वेबसाइट के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने का अधिकार दिया गया है।
- भुगतान प्रक्रिया: निवेश सलाहकार अब केवल परामर्श सेवाओं के लिए भुगतान स्वीकार कर सकते हैं। उन्हें ग्राहकों के खातों में धन या प्रतिभूतियां प्राप्त करने की अनुमति नहीं होगी।
- फीस नियम:
- शोध विश्लेषक (RA) अधिकतम 3 महीने की एडवांस फीस ले सकते हैं।
- निवेश सलाहकार (IA) अधिकतम 6 महीने की एडवांस फीस ले सकते हैं।
- सेबी इस सीमा को 1 वर्ष तक बढ़ाने के लिए परामर्श पत्र जारी करेगा।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखते हैं ये नियम?
ये नए नियम निवेशकों को अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान करेंगे। अब निवेशकों को वित्तीय सलाहकारों के साथ अनुबंध करने से पहले स्पष्ट जानकारी मिलेगी और उनके पास शिकायत दर्ज करने के बेहतर विकल्प होंगे।
भारत में सर्वश्रेष्ठ सेबी-पंजीकृत निवेश सलाहकार कैसे चुनें?
- विभिन्न स्रोतों का उपयोग करें: इंटरनेट, सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों की मदद से संभावित सलाहकारों की सूची तैयार करें।
- सेबी-पंजीकरण की जांच करें: सेबी की आधिकारिक वेबसाइट पर सूचीबद्ध सलाहकारों की स्थिति की पुष्टि करें।
- अनुभव और ज्ञान का मूल्यांकन करें: सलाहकार की विशेषज्ञता और उनके पिछले कार्यों की समीक्षा करें।
- सेवाओं की जांच करें: सुनिश्चित करें कि सलाहकार दीर्घकालिक वित्तीय योजना, सेवानिवृत्ति योजना और धन प्रबंधन जैसी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
- समीक्षाएं और रेटिंग पढ़ें: विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उनके ग्राहकों द्वारा दी गई समीक्षाएं पढ़कर उनकी सेवा की गुणवत्ता का आकलन करें।
- शुल्क संरचना समझें: पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शुल्क से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त करें।
निष्कर्ष
सेबी के नए नियम निवेशकों की सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह नियम निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे, जिससे भारत का शेयर बाजार अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनेगा।
-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र