3 लाख से कम जनसँख्या बावजूद मानेसर में नगर निगम कायम रखकर प्रथम आम चुनाव कराने पर उठ रहे हैं गंभीर सवाल
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा शहरी निकाय विभाग को पत्र भेजने बावजूद कोई कार्रवाई नहीं

चंडीगढ़ – आगामी 2 मार्च रविवार को हरियाणा में करीब तीन दर्जन शहरी निकायों के चुनाव हेतू निर्धारित मतदान के दौरान मानेसर नगर निगम के रजिस्टर्ड मतदाता भी दो-दो वोट डालकर एक तो निगम के मेयर पद के लिए प्रत्यक्ष (सीधा) निर्वाचन और साथ साथ निगम क्षेत्र के सभी 20 वार्डों में से अपने सम्बंधित वार्ड का निगम सदस्य ( जिन्हें आम लोग
पार्षद कहते हैं हालांकि पार्षद शब्द हरियाणा म्यूनिसिपल कारपोरेशन कानून में नहीं है) का चुनाव करेंगे. वोटों की गिनती उसके दस दिनों बाद 12 मार्च को होगी.
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट एवं म्युनिसिपल कानून के जानकार हेमंत कुमार (9416887788) ने एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि गत 4 फरवरी को जब हरियाणा राज्य चुनाव आयोग द्वारा जब प्रदेश के कुल 33 नगर निकायों ( 8 नगर निगमों, 4 नगरपालिका परिषदों एवं 21 नगरपालिका समितियों ) के आम चुनाव एवं अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के मेयर पद उपचुनाव. 1 नगरपालिका परिषद एवं 2 नगरपालिका समितियों के अध्यक्ष पद के उपचुनाव एवं 3 नगरपालिका समितियों में 1-1 वार्ड सदस्यों (पार्षदों) के उपचुनाव की घोषणा की गई थी, तो इस सम्बन्ध में आयोग द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस नोट में मानेसर नगर निगम में मतदाताओं की कुल संख्या 97 हज़ार 76 दर्शायी गई जिसमें से 51 हजार 32 पुरुष मतदाता जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 46 हजार 41 है. वहीं अन्य अर्थात ट्रांसजेंडर मतदाता 3 हैं.
हेमंत ने आगे बताया कि न केवल मानेसर नगर निगम में मतदाताओं की संख्या प्रदेश के अन्य 9 नगर निगमों, जहाँ 2 मार्च को ही मतदान होना है, में से सबसे कम है बल्कि प्रदेश के तीन नगरपालिका परिषदों से भी कम है. अम्बाला सदर (कैंट) नगरपालिका परिषद में 1 लाख 78 हज़ार, सिरसा नगरपालिका परिषद में 1 लाख 60 हजार जबकि थानेसर (कुरुक्षेत्र) नगरपालिका परिषद में 1 लाख 37 हजार मतदाता हैं.
हरियाणा के गुरुग्राम जिले में चार वर्ष पूर्व दिसंबर, 2020 में मानेसर नगर निगम स्थापित की गई थी. हेमंत द्वारा गत वर्ष दिसम्बर में मानेसर नगर निगम के कानूनी अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग को 23 दिसम्बर 2024 को भेजे एक ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए आयोग द्वारा गत माह 14 जनवरी 2025 को उसे आगामी आवश्यक कार्रवाही के लिए प्रदेश सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भेजा गया था.
उन्होंने बताया कि 20 दिसम्बर 2024 को हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय राजपत्र (गजट) में प्रकाशित एक नोटिफिकेशन में मानेसर नगर निगम के अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्र की कुल जनसँख्या 1 लाख 60 हजार 886 दर्शाए गई है अर्थात वह कानूनन आवश्यक न्यूनतम सीमा तीन लाख से लगभग आधी है जिसके फलस्वरूप मानेसर नगर निगम कानूनी अस्तित्व पर ही गंभीर सवाल उठता है.
उक्त नोटिफिकेशन में उल्लेख है कि हरियाणा परिवार पहचान अधिनियम, 2021 के उपबंधों के अधीन स्थापित परिवार सूचना डाटा कोष से प्राप्त की गई जनसंख्या या संबंधित नगर निगम क्षेत्र के पंजीकृत मतदाताओं के 140 प्रतिशत में से, जो भी अधिक हो, के अनुसार मानेसर नगर निगम की कुल जनसंख्या 1 लाख 60 हजार 886 है जिसमें बी.सी. -ए (पिछड़ा वर्ग -ए ) की आबादी 8 हज़ार 659 जबकि बी.सी. -बी (पिछड़ा वर्ग -बी ) की आबादी 28 हज़ार 473
दर्शायी है. इसी के साथ साथ उल्लेख है कि वर्ष 2011 में हुई पिछले सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मानेसर क्षेत्र की आबादी 1 लाख 11 हजार 163 जिसमें से एससी (अनुसूचित जाति) की आबादी 17 हजार 67 थी.
इस सम्बन्ध में एडवोकेट हेमंत का कानूनी तर्क है कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के मौजूदा प्रावधानों ( धारा 3 की उपधारा 2 के परन्तुक) अनुसार प्रदेश में नगर निगम स्थापित करने और कायम रखने हेतु उस सम्बंधित निगम क्षेत्र में न्यूनतम तीन लाख की जनसंख्या होना आवश्यक है. वर्ष 2002 से पहले हालांकि जनसँख्या कि यह सीमा न्यूनतम पांच लाख होती थी परन्तु तत्कालीन चौटाला सरकार ने उपरोक्त उल्लिखित कानूनी धारा में हरियाणा विधानसभा मार्फ़त संशोधन कर उस सीमा को पांच लाख से घटाकर न्यूनतम तीन लाख कर दिया था.
हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 3 (2), जिसके अंतर्गत मानेसर नगर निगम स्थापित करने की नोटिफिकेशन सर्वप्रथम दिसम्बर,2020 में जारी की हुई थी, उस धारा में स्पष्ट उल्लेख है कि राज्य सरकार समय समय पर सरकारी गजट में नोटिफिकेशन द्वारा किसी भी म्युनिसिपेलिटी या मुनिसिपलिटीस ( शहरी निकाय या एक से अधिक शहरी निकायों ) जिसमें ग्रामीण क्षेत्र या उसका कुछ अंश/भाग भी शामिल हो सकता है, को नगर निगम के तौर पर घोषित कर सकती है. आज तक प्रदेश में स्थापित सभी दस नगर निगमें- फरीदाबाद, गुरुग्राम, अम्बाला, हिसार, करनाल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर सभी नगर निगम बनने से पूर्व मुनिसिपलीटीएस (नगर परिषद/पालिकाएं ) थीं.
हेमंत का कहना है कि न तो मानेसर औद्योगिक नगरी/टाउनशिप में दिसम्बर, 2020 तक कोई म्युनिसिपेलिटी (नगर पालिका या नगर परिषद ) स्थापित की गयी थी और न ही यह क्षेत्र जून, 2008 से स्थापित गुरुग्राम ( तब गुडगाँव) नगर निगम में आता था , इसलिए मानेसर कभी भी पहले म्युनिसिपल क्षेत्र नहीं रहा है. इसलिए मानेसर को सीधे तौर पर नगर निगम घोषित करने पर ही मौजूदा कानूनी प्रावधानों अनुसार प्रश्नचिन्ह उत्पन्न हुआ था. देश के संविधान के अनुच्छेद 243 (क्यू) अनुसार हालांकि अगर किसी औद्योगिक नगरी/टाउनशिप में म्युनिसिपल सेवाएं औद्योगिक स्थापना/उद्यमियों द्वारा प्रदान की जा रही हो या प्रस्तावित हो, तो वहां कोई भी नगर निगम या नगर निकाय संस्था घोषित करने से छूट होती है.