गुरुग्राम,चंडीगढ़, 21 अप्रैल 2025 – हरियाणा में हाल ही में की गई बिजली दरों में वृद्धि को लेकर प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (PFTI) ने गहरी चिंता व्यक्त की है। फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक मैनी ने इसे न केवल आम जनता के लिए परेशानी का कारण बताया, बल्कि पहले से आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे उद्योगों के लिए घातक कदम करार दिया।

उद्योगों पर बढ़ते भार का प्रभाव
मैनी के अनुसार, प्रति यूनिट दरों में वृद्धि के साथ-साथ फिक्स्ड चार्ज में भी बेतहाशा बढ़ोतरी ने उद्योग जगत की चिंता बढ़ा दी है। विशेषकर छोटे और मझोले उद्योगों की लागत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि कम खपत वाले उद्योगों को पहले ही प्रति यूनिट लगभग ₹11 से ₹12 का खर्च वहन करना पड़ता था, जो अब बढ़कर ₹15 से ₹16 प्रति यूनिट हो गया है। यदि कोई उद्योग डीजल जनरेटर से बिजली का उपयोग करता है, तो उसे लगभग ₹17 से ₹18 प्रति यूनिट का खर्च उठाना पड़ता है, जिससे दोनों विकल्पों में कोई विशेष अंतर नहीं रह गया है।

बिजली दरों में वृद्धि का विवरण
हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (HERC) द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 के लिए घोषित नई दरों के अनुसार, घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 20 से 30 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। औद्योगिक श्रेणी में, 11 kV आपूर्ति के लिए दरें ₹6.65 से बढ़ाकर ₹6.95 प्रति यूनिट कर दी गई हैं, और फिक्स्ड चार्ज ₹165 प्रति kVA से बढ़ाकर ₹290 प्रति kVA प्रति माह कर दिया गया है ।

PFTI की प्रतिक्रिया और आगामी कदम
PFTI की बिजली समिति इस वृद्धि का विस्तृत विश्लेषण कर रही है और जल्द ही हरियाणा विद्युत नियामक आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखेगी। मैनी ने यह भी बताया कि आयोग ने बिजली दरों में वृद्धि से पहले सभी पहलुओं पर समुचित विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में विद्युत वितरण कंपनियां लाभ में थीं, और इस दौरान दरों में कमी की संभावना जताई जा रही थी। परंतु पिछले 4-5 वर्षों में इन कंपनियों का घाटा लगभग ₹5,000 करोड़ तक पहुंच गया है। इस घाटे के कारणों की जांच करने और उचित उपायों का आकलन करने के बजाय, दरों में वृद्धि की अनुमति दी गई है, जिस पर पुनर्विचार आवश्यक है।

सरकार को ज्ञापन और अपेक्षाएं
PFTI उद्योग जगत, विशेषकर छोटे और मझोले उद्योगों की कठिनाइयों के प्रति सजग है और एक बेहतर माहौल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मैनी ने बताया कि बिजली दरों में वृद्धि के विरोध में हरियाणा सरकार को भी ज्ञापन दिया जाएगा, जिसमें विभिन्न पहलुओं का विस्तृत आकलन प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने आशा जताई कि PFTI द्वारा प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर विद्युत नियामक आयोग और हरियाणा सरकार इस वृद्धि पर पुनर्विचार करेंगे और जल्द ही इस आधारहीन वृद्धि को वापस लेंगे।

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