सर्व समाज के द्वारा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नाम सोपा गया ज्ञापन

ना 372 ना 400 पार, अबकी बार देश की एक ही मांग पाकिस्तान पार

आखिर कब तक धर्म पूछ कर हिंदुओं का नरसंहार किया जाता रहेगा

फतह सिंह उजाला

पटौदी सबडिवीजन केंपस । जम्मू के पहलगाम में आतंकी नरसंहार के घाव से वहां पहुंचे सैलानी ही मौत की नींद नहीं सुलाए गए। बल्कि आम जनमानस को भी इस नरसंहार के गहरे घाव पहुंचे हैं। इस बात का एहसास शुक्रवार को पटौदी सब डिवीजन कैंपस में उसे समय महसूस किया गया, जब विभिन्न संगठनों के अनगिनत लोग गुस्से और आक्रोश के साथ वहां पहुंचे। यहां सबसे महत्वपूर्ण मांग यही रखी गई की श्रीनगर घाटी में अभिलंब राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए । इस प्रकार की मांग का समर्थन करते हुए एक ज्ञापन पटौदी के एसडीएम दिनेश कुमार को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नाम सोपा गया।

इससे पहले विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, समस्त हिंदू समाज, सर्व समाज और जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि के साथ-साथ विभिन्न गांव से प्रबुद्ध व्यक्ति एवं महिलाएं पुराना कोर्ट परिसर में एकत्रित हुए। इसके बाद वहां से हाथों में आतंक और पाकिस्तान विरोधी बैनर तथा जलती हुई मशाल लेकर नारेबाजी करते हुए पटौदी के सब डिवीजन परिसर में पहुंचे। इनमें मुख्य रूप से पटौदी जाटोली मंडी परिषद के चेयरमैन प्रवीण ठाकरिया, सरपंच संगठन के अजीत यादव, मानेसर मंडल के राजेंद्र यादव, चंद्रभान सहगल, सुधीर मुद्गल, राहुल शेरावत, राजेंद्र गुप्ता, रवि चौहान, सुमित्रा देवी, कैप्टन कंवर सिंह, शिवकुमार गुप्ता , नरेंद्र पहाड़ी , मुनफेद अली, जाहिद कुरैशी, अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी दिलीप पहलवान और भी अनेक प्रदर्शनकारी मौजूद रहे।

यहां पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, समस्त हिंदू समाज, सर्व समाज व अन्य संगठनों की तरफ से पहलगाम में नरसंहार को सामूहिक दुर्दांत हत्याकांड की संज्ञा दी गई। कहां गया कि वर्ग विशेष के द्वारा विभिन्न प्रकार की जिहादी गतिविधियों को संयोजित तरीके से चलाया जा रहा है। अन्य वक्ताओं ने इस मौके पर साफ-साफ कहा कि अब देश को आतंकवाद से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार को जल्द से जल्द ठोस और निर्णायक कार्रवाई अमल में लानी चाहिए। इसी मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने यह भी कहा अब 372 या फिर 400 पर का नारा नहीं। अब तो देश की मांग केवल और केवल पाकिस्तान पार ही है । सही मायने में पाकिस्तान ही आतंक और आतंकवादियों का जनक है । पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म की पहचान पूछ कर अधर्म का काम किया है । इसी मौके पर वक्ताओं ने यह भी कहा कि सभी मुसलमान बुरे भी नहीं होते । लेकिन जिस प्रकार से रोहिंग्या की जनसंख्या बढ़ती चली जा रही है, यह निश्चित रूप से देश की आंतरिक और सीमा सुरक्षा के लिए चुनौती बन गई । प्रदर्शन करने वालों ने शासन प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए पटौदी क्षेत्र में सभी किराएदारों की वेरिफिकेशन की मांग करते हुए यहां से खदेडने की मांग रखी। साथ ही चेतावनी दी इसके बाद इस प्रकार का कार्य सर्व समाज करने के लिए मजबूर होगा, जिसकी जवाब दे ही शासन प्रशासन की रहेगी।

गुस्सा आतंकवाद पर और नारे एसडीएम के खिलाफ

शुक्रवार को पहलगाम में हुए नरसंहार को लेकर पटौदी के विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों के द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान पटौदी के एसडीएम के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई। वास्तव में गुस्सा तो पहलगाम में हुए नरसंहार को लेकर लोगों के बीच में बना हुआ था। लेकिन किन्ही वजह से पटौदी के एसडीएम दिनेश कुमार प्रदर्शन करने में शामिल कुछ लोगों के निशाने पर आ गए । जैसे ही एसडीएम मुर्दाबाद के नारे लगाए जाने आरंभ हुए, तो मौके पर मौजूद प्रदशनकारी भी सकपका गए । प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों के द्वारा बताया गया कि एसडीएम ने जो समय दिया था, दिए गए समय से हम प्रदर्शनकारी को समय पहले पहुंच गए हैं । संभवत एसडीएम साहब किसी प्रशासनिक बैठक में व्यस्त होने की वजह से नहीं पहुंच सके। इसके साथ यह भी कहा गया एसडीएम साहब ने 11:00 बजे का समय दिया था। तब तक के लिए इंतजार किया जाना बेहतर रहेगा। पटौदी एसडीएम दिनेश कुमार का सरकारी वाहन जब तक ऑफिस गेट पर पहुंचा। उससे पहले ही पटौदी एसडीएम मुर्दाबाद के नारे लगाए जाने का काम भी पूरा कर लिया गया।

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