– ईमानदारी से ड्यूटी कर रहे डीएसपी से माफी मंगवाकर भाजपा ने खाकी को किया अपमानित
वायरल वीडियो में साफ दिखता है सत्ता का अहंकार और वर्दी का अपमान**

गुरुग्राम, 29 अप्रैल। हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने सिरसा में डीएसपी जितेंद्र राणा से भाजपा नेता मनीष सिंगला के सामने जबरन माफी मंगवाने की घटना को लोकतंत्र और पुलिस की गरिमा पर एक गहरा धब्बा करार दिया है। उन्होंने कहा कि जिस पुलिस से भाजपा को सुरक्षा चाहिए, उसी को सत्ताधारी पार्टी अपमानित कर रही है।
पंकज डावर ने कहा, “डीएसपी जितेंद्र राणा ने महज अपनी ड्यूटी निभाई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता को मंच के पास जाने से रोका। लेकिन यह ‘कार्यकर्ता’ कोई सामान्य व्यक्ति नहीं, बल्कि पूर्व राज्यपाल गणेशी लाल का पुत्र मनीष सिंगला था। बस यही जानकारी मिलते ही भाजपा ने अपने राजनीतिक प्रभाव का ऐसा दुरुपयोग किया, जो अब पूरे प्रदेश के लिए शर्म का विषय बन गया है।”
माफी नहीं, खाकी का सार्वजनिक अपमान
पंकज डावर ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने डीएसपी राणा से न केवल माफी मंगवाई, बल्कि उस क्षण का वीडियो भी रिकॉर्ड कर उसे वायरल किया — यह केवल अपमान नहीं, बल्कि पुलिस बल के मनोबल को कुचलने का प्रयास है।
उन्होंने कहा, “पहला अपमान माफी मंगवाना था, और उससे बड़ा अपमान उसका वीडियो वायरल करना। जिस तरह डीएसपी झुकी हुई गर्दन के साथ बोलते नजर आ रहे हैं, वह पूरे पुलिस विभाग के लिए एक पीड़ादायक दृश्य है। क्या अब ईमानदारी से ड्यूटी करने का इनाम यह होगा कि पुलिस अधिकारी सार्वजनिक रूप से नतमस्तक हों?”
क्या अब पुलिस को राजनीति के सामने झुकना होगा?
डावर ने सवाल उठाया कि यदि एक ईमानदार अधिकारी को केवल इस कारण अपमानित किया जाएगा कि उसने किसी ‘वीआईपी’ को रोका, तो भविष्य में कौन पुलिसकर्मी निडर होकर अपना कर्तव्य निभा पाएगा?
“इस प्रकार की घटनाएं पूरे पुलिस बल को यह संदेश देती हैं कि यदि आपने सत्ता के किसी खास आदमी को रोका, तो आपको शर्मिंदा किया जाएगा। यह न केवल पुलिस बल की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि यह लोकतंत्र के मूल्यों का भी अपमान है।”
मानवाधिकार आयोग और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लेना चाहिए संज्ञान
पंकज डावर ने मांग की कि इस पूरे मामले में पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और डीएसपी जितेंद्र राणा के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने मानवाधिकार आयोग से भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर हस्तक्षेप की अपील की।
“हमारा संविधान किसी को भी उसके कर्तव्यपालन के लिए सार्वजनिक रूप से अपमानित किए जाने की अनुमति नहीं देता। यह घटना लोकतांत्रिक मर्यादा के खिलाफ है और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।” — उन्होंने कहा।
भाजपा का असली चेहरा जनता के सामने है
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस प्रकरण ने भाजपा के ‘सुशासन’ और ‘राष्ट्रवाद’ के दावों की पोल खोल दी है।
“यह वही भाजपा है, जो मंचों से ‘राष्ट्र प्रथम’ और ‘संविधान सर्वोपरि’ की बातें करती है, लेकिन जब बात सत्ता और परिवारवाद की आती है, तो सबसे पहले संविधान को ताक पर रख देती है।”
निष्कर्षतः, पंकज डावर ने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस पूरे मुद्दे को सदन से सड़क तक उठाएगी और पुलिस बल की गरिमा के साथ खड़े होकर, ऐसे सत्ता-प्रेरित दमन के खिलाफ हर मंच पर संघर्ष करेगी।