सरकारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने, आम लोगों की आवाज़ प्रशासन तक पहुंचने में प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका
वर्तमान डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक,सोशल,प्रिंट मीडिया में पारदर्शिता, स्वतंत्रता,निष्पक्षता व ईमानदारी से काम करना समय की मांग
-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

हर वर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिवस वैश्विक स्तर पर पत्रकारों और मीडिया संस्थानों की स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित करने का अवसर होता है। 2025 में यह दिन इसलिए भी विशेष है क्योंकि हम एक ऐसे डिजिटल युग में जी रहे हैं जहां प्रेस की भूमिका और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गई हैं। आज इलेक्ट्रॉनिक, सोशल और प्रिंट मीडिया न केवल खबरें पहुंचाने का माध्यम हैं, बल्कि लोकतंत्र की पारदर्शिता, निष्पक्षता और ईमानदारी के प्रहरी भी बन चुके हैं।
लोकतंत्र और प्रेस की परस्पर भूमिका
लोकतंत्र के चार स्तंभों—विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और प्रेस—में से प्रेस वह माध्यम है जो जनता की आवाज़ को सत्ता तक पहुँचाता है और सरकारों को जवाबदेह बनाता है। यह कार्य आसान नहीं, बल्कि अत्यंत जोखिमपूर्ण है। जब सरकारें या शक्तिशाली समूह अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हैं, तब प्रेस ही वह शक्ति है जो उनके कार्यों को उजागर करती है।
भारतीय संदर्भ में प्रेस स्वतंत्रता
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 19(1)(क) के अंतर्गत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में संरक्षित है। हालांकि, यह स्वतंत्रता भी अनुच्छेद 19(2) के तहत सीमित है, जो राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, न्यायालय की अवमानना आदि कारणों से कुछ प्रतिबंधों को स्वीकार करता है।
2025 की थीम और एआई का प्रभाव
इस वर्ष की थीम है—“Reporting in the Brave New World: The Impact of Artificial Intelligence on Press Freedom and the Media”। यानी “बहादुर नई दुनिया में रिपोर्टिंग – प्रेस स्वतंत्रता और मीडिया पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव”।
AI आज पत्रकारिता में कई क्षेत्रों में सहायक साबित हो रही है—डेटा एनालिसिस, ऑटो-ट्रांसक्रिप्शन, मल्टीलिंगुअल रिपोर्टिंग, फेक्ट-चेकिंग इत्यादि। परन्तु इसके साथ जोखिम भी हैं—जैसे डीपफेक, बायस्ड मॉडरेशन, पत्रकारों की निजता का हनन और ऑटो-जनरेटेड न्यूज के कारण रोजगार संकट।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के उद्देश्य

मीडिया स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों को बढ़ावा देना
पत्रकारों पर हो रहे हमलों के विरुद्ध जागरूकता
सरकारों व संस्थाओं को प्रेस के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित करना
नैतिक पत्रकारिता, शांति और मानवाधिकारों को प्रोत्साहन
गलत सूचना और भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ संघर्ष
वैश्विक स्तर पर प्रेस की भूमिका पर संवाद को प्रोत्साहित करना
महत्वपूर्ण कार्यक्रम व आयोजन
भारत सहित विश्वभर में इस दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं:
सेमिनार व कार्यशालाएं: प्रेस की स्वतंत्रता पर संवाद
पुरस्कार समारोह: साहसी और उत्कृष्ट पत्रकारिता को सम्मान
जागरूकता अभियान: आम जनता को प्रेस की भूमिका से अवगत कराना
विशेष प्रकाशन व लेख श्रृंखलाएं: मीडिया संगठनों द्वारा
निष्कर्ष
आज की डिजिटल दुनिया में पत्रकारिता सिर्फ सूचना का प्रसार नहीं, बल्कि एक नैतिक और लोकतांत्रिक दायित्व बन चुकी है। पारदर्शिता, निष्पक्षता और ईमानदारी से कार्य करना आज प्रेस की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्रेस की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखना केवल मीडिया का नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।
इसलिए विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025 हमें याद दिलाता है कि एक स्वतंत्र प्रेस, एक सशक्त लोकतंत्र की नींव है।
-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र